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तृणमूल के मंच पर बाबुल के गाने से हुआ विवाद
आसनसोल : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कार में बैठ और उनके साथ झालमुड़ी खाकर राजनीति में नया विवाद खड़ा करनेवाले स्थानीय भाजपा सांसद और केंद्रीय शहरी विकास, आवासन व गरीबी उन्मूलन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने शुक्रवार को तृणमूल के स्थापना दिवस समारोह में तृणमूल के मंच पर गाना गाकर फिर से नया विवाद पैदा कर […]
आसनसोल : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कार में बैठ और उनके साथ झालमुड़ी खाकर राजनीति में नया विवाद खड़ा करनेवाले स्थानीय भाजपा सांसद और केंद्रीय शहरी विकास, आवासन व गरीबी उन्मूलन राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने शुक्रवार को तृणमूल के स्थापना दिवस समारोह में तृणमूल के मंच पर गाना गाकर फिर से नया विवाद पैदा कर िदया गया है. मामले पर िववाद होते देख वह शुक्रवार की शाम को ही कार्यालय पहुंचे व अपनी बात रखी.
क्या है मामला
तृणमूल के स्थापना दिवस पर आसनसोल नगर निगम कार्यालय के सामने पार्टी ने समारोह आयोजित किया था. मेयर िजतेंद्र तिवारी, उप मेयर तब्बसुम आरा सहित नगर के पदाधिकारी आदि मंच पर मौजूद थे. उसी समय जीटी रोड से स्थानीय भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो अपनी कार से गुजर रहे थे.
अचानक समारोह स्थल के सामने उनकी कार रुक गयी. श्री सुप्रियो तेजी से कार से उतरे और तृणमूल के मंच पर चढ़ गये. थोड़ी देर के लिए सभी भौंचके रह गये. मंच पर चढ़ते ही उन्होंने समारोह में शामिल तृणमूल कार्यकर्ताओं व समर्थकों व नववर्ष की बधाई दी. इसी बीच, मेयर श्री तिवारी ने उनका अभिनंदन करते हुए उनसे गीत गाने का आग्रह कर दिया.
फिर क्या था? ‘रोगिया के भावे से बैद्या फरमावे’ की तर्ज पर श्री सुप्रियो भी शुरू हो गये. उन्होंने चर्चित बांग्ला गीत ‘आमार पूजार फूल भालो बासा होय गेछे’ गाया. काफी तालियां बजीं. उन्होंने कहा कि साल के पहले दिन कोई राजनीति करना नहीं चाहता. आसनसोल के विकास का दायित्व मेयर का भी है और उनका भी है. शहर के विकास और समस्याओं के समाधान करने की जरूरत है. इसके बाद वह मंच से उतर कर चले गये.
इसकी सूचना तत्काल भाजपा के पार्टी नेतृत्व को मिल गयी. प्रदेश अध्यक्ष श्री घोष ने पूरे प्रकरण पर गहरा रोष जताया और उन्हें तत्काल प्रदेश मुख्यालय में उपस्थित होने को कहा. पार्टी नेतृत्व की नाराजगी को देखते हुए श्री सुप्रियो शीघ्र कोलकाता रवाना हो गये. पार्टी नेतृत्व को श्री सुप्रियो ने कहा कि वह समारोह स्थल के सामने से गुजर रहे थे. मेयर श्री तिवारी से उनकी आंखें मिल गयी. मेयर ने उन्हें मंच पर आमंत्रित कर लिया. यदि वे मंच पर नहीं जाते, तो यह मेयर की बेइज्जती होती. इस कारण सौजन्यवश वे मंच पर चले गये. इस मामले में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. इसे औपचारिकता के रूप में स्वीकार करना चाहिए.
भाजपा के प्रदेश कार्यालय में शाम को केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रिय के एकाएक पहुंचने पर पार्टी गलियारों में सुगबुगाहट शुरू हो गयी. इधर, बाबुल के तृणमूल की सभा में जाने पर विरोधियों के स्वर ऊंचे होने लगे. इसके बाद उनके भाजपा कार्यालय पर पहुंचने पर कहा जाने लगा कि उन्हें पार्टी कार्यालय में तलब किया गया है.
आरएसएस के राज्य मुख्यालय ‘केशव भवन’ में भी उन्हें तलब किये जाने की खबर आने लगी. हालांकि प्रदेश कार्यालय में कुछ वक्त बिताने के बाद बाबुल सुप्रिय दिल्ली के लिए रवाना हो गये. हालांकि पार्टी कार्यालय में तलब किये जाने की खबरों का बाबुल सुप्रिय ने खंडन किया है.
इस संबंध में ट्वीट करते हुए उनका कहना है कि आसनसोल की नयी टीम के संबंध में पहले ही पार्टी कार्यालय में जाने की बात थी. प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ बैठ कर वह बातें कर रहे थे और मीडिया में तलब किये जाने की खबरें दिखायी देने लगी. संघीय ढांचे में मंत्री व मेयर देश के बृहत्तर प्रशासनिक ढांचे का अंग हैं. उनकी मुलाकात हो सकती है, होनी भी चाहिए.
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