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टीएल नवीनीकरण शुल्क में वृद्धि

आसनसोल : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के ‘अच्छे दिनों’ की तर्ज पर आसनसोल नगर निगम प्रशासन ने भी ‘अच्छे दिन’ लाने के लिए निगम के स्तर से जारी ट्रेड लाइसेंस के नवीनीकरण शुल्क में भारी वृद्धि कर दी है. यह वृद्धि शहर में प्रभावी हो गयी है. इससे व्यवसायियों की परेशानी बढ़ गयी है. […]

आसनसोल : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के ‘अच्छे दिनों’ की तर्ज पर आसनसोल नगर निगम प्रशासन ने भी ‘अच्छे दिन’ लाने के लिए निगम के स्तर से जारी ट्रेड लाइसेंस के नवीनीकरण शुल्क में भारी वृद्धि कर दी है. यह वृद्धि शहर में प्रभावी हो गयी है. इससे व्यवसायियों की परेशानी बढ़ गयी है.
व्यवसायिक संगठनों ने इस पर गहरी नाराजगी जतायी है. उनका कहना है कि तमाम राजनीतिक विरोधों के बाद भी जनता के अच्छे दिन लाने के दावे के बावजूद उन पर आर्थिक बोझ लादे जाने के लिए होड़ मची है.
सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने भी ‘अच्छे दिन लाने’ के नाम पर पहली अप्रैल से आर्थिक बोझ जनता पर लाद दिया. सेवा कर में वृद्धि किये जाने के कारण हर चीज महंगी हो गयी है. उसी तरह नगर निगम प्रशासन ने भी ट्रेड लाइसेंस नवीनीकरण के नाम पर लागू शुल्क में भारी वृद्धि कर दी है. निगम सूत्रों का कहना है कि निगम के व्यवस्थित संचालन के लिए आय स्त्रोत में वृद्धि अनिवार्य है. इस कारण से नवीनीकरण शुल्क में वृद्धि करनी पड़ी है. इससे प्राप्त राशि का उपयोग शहर के नागरिकों की सुविधा बढ़ाने में ही किया जायेगा.
उन्होंने इसमें नागरिकों खास कर व्यवसायियों से सहयोग का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि पहले ठेकेदारों को अपना लाइसेंस नवीनीकरण कराने के लिए पांच सौ रुपये लगते थे. इस राशि में चार सौ गुणा वृद्धि कर इसे दो हजार रुपये कर दिया गया है. ज्वेलरी दुकानों के ठेड लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए शुल्क ढ़ाई हजार रुपये से बढ़ा कर साढ़े तीन हजार रुपये, हार्डवेयर दुकानों के ट्रेड लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए शुल्क 500 रुपये से बढ़ा कर एक हजार रुपये करने, वेल्डिंग दुकान सह छोटे वर्कशॉप के लिये निर्धारित शुल्क 800 रुपये से 3000 रुपये, प्रमोटर लाइसेंस के लिये शुल्क 2500 से बढ़कर 5000 रुपये, एमआर शॉप के लिये शुल्क 350 रुपये से बढ़ा कर 500 रुपये तथा वाइन शॉप के लिये शुल्क 6500 रुपये से बढ़ा कर ढ़ाई गुना अधिक 15,000 रुपये कर दिया गया है.
व्यवसायिक संगठनों ने इस वृद्घि पर नाराजगी जताते हुए इसे वापस लेने का आग्रह किया है. उनका कहना है कि पहले से ही व्यवसाय की स्थिति अच्छी नहीं है. इसमें यह अतिरिक्त बोझ लादना सही नहीं है. आसनसोल चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सुब्रत दत्त ने कहा कि इस तरह की वृद्धि सही निर्णय नहीं है.
इस संबंध में निगम के संबंधित अधिकारियों से विचार विमर्श किया जायेगा, ताकि इसमें कटौती की जा सके. उनका संगठन हमेशा से व्यवसायियों का हिमायती रहा है. इस दिशा में सार्थक पहल की जायेगी. आसनसोल मर्चेन्ट चेंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता महावीर शर्मा ने कहा कि पहले से ही व्यवसाय मंदी का श्किार है. व्यवसायी भारी चुनौतियों से जूझ रहे हैं.
यदि शुल्क में वृद्धि की बाध्यता थी तो निगम प्रशासन को व्यवसायिक संगठनों के साथ बैठक करनी चाहिए थी. उनका संगठन शीघ्र ही इस दिशा में पहल कर अधिकारियों के संग बैठक करेगा. आसनसोल नॉर्थ चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष व मुख्य सलाहकार रमाकांत सिंह ने कहा कि निगम प्रशासन का यह निर्णय व्यवसायियों पर अतिरिक्त बोझ डालनेवाला है. इस संबंध में विभिन्न चेंबरों के अधिकारियों के साथ बैठक कर संयुक्त रणनीति तय की जायेगी. निगम प्रशासन को समुचित वृद्धि करनी चाहिए थी.

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