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माकपा समर्थक की हत्या

भातार में जुलूस निकाल कर किया हमला, दस लोग घायल बर्दवान/पानागढ़ : बर्दवान जिले के भातार थाना अंतर्गत आदिवासी बहुल क्षेत्र छालदासा पर वर्चस्व के लिए रविवार की देर शाम तृणमूल और माकपा समर्थकों में हुए संघर्ष में माकपा समर्थक मंगल हेम्ब्रम (60) की मौत हो गयी. दोनों पक्षों से 10 कार्यकर्ता घायल हुए हैं. […]

भातार में जुलूस निकाल कर किया हमला, दस लोग घायल

बर्दवान/पानागढ़ : बर्दवान जिले के भातार थाना अंतर्गत आदिवासी बहुल क्षेत्र छालदासा पर वर्चस्व के लिए रविवार की देर शाम तृणमूल और माकपा समर्थकों में हुए संघर्ष में माकपा समर्थक मंगल हेम्ब्रम (60) की मौत हो गयी. दोनों पक्षों से 10 कार्यकर्ता घायल हुए हैं. पुलिस ने 11 तृणमूल समर्थकों को गिरफ्तार किया है. नाराज माकपा समर्थकों ने बर्दवान-कटवा सड़क और बर्दवान-सिउड़ी सड़क घंटों अवरोध किया. पुलिस अधिकारियों के आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त हुआ. इलाके में भारी तनाव है.

मृतक मंगल के पुत्र सह माकपा दो नंबर लोकल कमेटी के सक्रिय कार्यकर्ता सनातन हेम्ब्रम ने बताया कि भातार थाना के छालदासा गांव के अधिसंख्य ग्रामीण माकपा समर्थक हैं. तृणमूल नेताओं ने कई बार इस गांव को अपनी गिरफ्त में लेने की कोशिश की. लेकिन हर बार उन्हें विफलता ही हाथ लगी. रविवार की शाम तृणमूल कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला और गांव में प्रवेश किया. उन्होंने उसके घर पर हमला किया तथा उसकी तलाश की. उसके घर में मौजूद नहीं रहने पर उसके पिता मंगल हेम्ब्रम को घर से बाहर निकाला गया तथा उनकी बर्बरता से पिटाई की.

ग्रामीणों को आतंकित करने के लिए हमलावरों ने फायरिंग की. पिता को बचाने आये माकपा समर्थक ग्रामीणों पर भी तृणमूल समर्थकों ने हमला किया. जिसमें 10 माकपा समर्थक घायल हो गये. पिता सहित सभी घायलों को तत्काल बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भरती किया गया. इलाज के दौरान उनके पिता की मौत हो गयी. इस संबंध में उन्होंने भातार थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. थानेदार मिथुन घोष के नेतृत्व में पुलिस ने छापेमारी कर 11 आरोपियों को हिरासत में लिया है. बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मृतक के शव का अंत्यपरीक्षण किया गया.

सोमवार को इस हत्या व हमले के खिलाफ बर्दवान-कटवा सड़क और बर्दवान-सिउड़ी सड़क माकपा समर्थकों ने जाम किया. उन्होंने हमले में शामिल तृणमूल समर्थकों की गिरफ्तारी करने तथा उनके खिलाफ क ड़ी कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस की भूमिका निष्पक्ष नहीं है. यदि हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जायेगा. मालूम हो कि वर्ष 2011 में तृणमूल सरकार के गठन के बाद छालदासा गांव में स्थित माकपा कार्यालय बंद कर दिया था. आठ माह बाद नये सिरे से इसे खोला गया. उसके बाद से ही तृणमूल समर्थकों द्वारा माकपा समर्थकों पर दबाव बनाया जा रहा था. पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. तनाव को देखते हुए गांव में पुलिस का अस्थायी कैंप लगाया गया है. पुलिस गश्ती बढ़ा दी गयी है.

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