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गुटखा व तंबाकू की बिक्री पर रोक सिर्फ कागजों पर ही

प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से हो रही बिक्री राज्य सरकार ने पान मसालों को हानिकारक मानते हुए लगाया है प्रतिबंध प्रशासन के उदासीन रवैया से दुकानदारों के हौसले बुलंद दुर्गापुर : शिल्पांचल व इसके आस-पास के इलाके में गुटखा व पान मसाला की बिक्री पर रोक का आदेश पूरी तरह बेअसर दिख रहा है. अप्रसंस्कृत […]

प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से हो रही बिक्री

राज्य सरकार ने पान मसालों को हानिकारक मानते हुए लगाया है प्रतिबंध

प्रशासन के उदासीन रवैया से दुकानदारों के हौसले बुलंद

दुर्गापुर : शिल्पांचल व इसके आस-पास के इलाके में गुटखा व पान मसाला की बिक्री पर रोक का आदेश पूरी तरह बेअसर दिख रहा है. अप्रसंस्कृत तंबाकू, गुटखा व पान मसाला पर प्रतिबंध होने के बाद भी शहर की दुकानों पर गुटखा की बिक्री जारी है. शहर के प्रमुख बाजारों में जहां इसे लेकर कुछ पर्दा किया जा रहा है, लेकिन गली मोहल्लों के दुकानों मे गुटखा धड़ल्ले से बेचा जा रहा है.

इसे लेकर प्रशासन का रवैया उदासीन रहा है. हालांकि कुछ एक जगहों पर रोक का कुछ असर देखा जा रहा है, लेकिन पान मसाला की बिक्री पर प्रतिबंध के आदेश के 20 दिन बाद भी बाद भी शहर और कस्बे की पान गुमटियों में यह हानिकारक तत्व की बिक्री हो रही है. किशोर से लेकर अधेड़ तक इसका इस्तेमाल खुलेआम कर रहे हैं.

अस्पतालों के बाहर भी जानलेवा गुटखे खरीदे-बेचे जा रहे हैं. पाबंदी लगने के बाद सरकारी मशीनरी की सुस्ती गुटखा बेचने वालों के हौसले बुलंद कर रही है. ज्ञात हो कि बंगाल सरकार द्वारा गुटखा और तंबाकू या निकोटिन वाले पान मसाला के उत्पादन और बिक्री पर सात नवंबर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दी है.

पश्चिम बंगाल सरकार के आदेश के अनुसार, राज्य में गुटखा और पान मसाले के उत्पादन, भंडारण, वितरण, परिवहन, प्रदर्शन और बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया. दुर्गापुर चेम्बर ऑफ कामर्स के सचिव भोला भगत का कहना है कि प्रशासन के आदेश का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है. सरकार के आदेश की अवहेलना उचित नहीं है. लोगों को इसके प्रति जागरूक होने की अवश्यकता है.

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