आदिवासियों ने जीटी रोड पर एक घंटे तक किया पथावरोध
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आदिवासी नेता पर हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर प्रदर्शन
आदिवासियों ने जीटी रोड पर एक घंटे तक किया पथावरोध प्रशासन पर लगाया तृणमूल के इशारे पर काम करने का आरोप पुलिस पर एफआईआर दर्ज नहीं करने का है आरोप दुर्गापुर : दुर्गापुर थाना अंतर्गत फरीदपुर फांड़ी के सामने शनिवार सुबह दुर्गापुर आदिवासी गांवता संगठन की ओर से आदिवासी नेता श्यामल मुर्मू पर हमले के […]
प्रशासन पर लगाया तृणमूल के इशारे पर काम करने का आरोप
पुलिस पर एफआईआर दर्ज नहीं करने का है आरोप
दुर्गापुर : दुर्गापुर थाना अंतर्गत फरीदपुर फांड़ी के सामने शनिवार सुबह दुर्गापुर आदिवासी गांवता संगठन की ओर से आदिवासी नेता श्यामल मुर्मू पर हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर विरोध-प्रदर्शन किया गया. इस दौरान सैकड़ों आदिवासियों ने अस्त्र-शस्त्र के साथ जीटी रोड पर पथावरोध शुरू कर दिया.
आदिवासी का प्रदर्शन उग्र होता देख पुलिस ने भारी संख्या में पुलिस बल को मौके पर तैनात कर दिया. सूचना मिलते ही मौके सहायक उपायुक्त (दुर्गापुर इस्ट) आरिश बिलाल, सीआई और थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और आंदोलन कर रहे आदिवासियों को समझाने का प्रयास किया.
करीब एक घंटा तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर पथावरोध के कारण आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया. अंत में पुलिस प्रशासन के आरोपियों कीगिरफ्तारी के आश्वासन के बाद वे लोग वहां से हट गये और फांड़ी के समक्ष प्रदर्शन शुरू कर दिया. समाचार लिखे लोगों का प्रदर्शन जारी था. प्रदर्शन के दौरान मानवाधिकार संस्था के कोलकाता से आये शिक्षक चंचल चक्रवर्ती ने भी आदिवासियों के आंदोलन का समर्थन किया .
आदिवासी संगठन के नेता सुनील मुर्मू ने बताया कि आदिवासी नेता श्यामल मुर्मू की बीते मंगलवार को मैटेरियल सप्लायर सिंडिकेट के श्यामल मुखर्जी व उनके कुछ सहयोगियों ने बेरहमी से पिटाई कर दी थी. हमले में श्यामल मुर्मू गंभीर रूप से घायल हुए थे.
इलाज के लिए उन्हें अस्पताल भेजा गया. घटने के बाद आदिवासी संगठन की ओर से मुख्य आरोपी श्यामल मुख़र्जी समेत 10 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी गयी थीं. शिकायत दर्ज कराने के पांच दिन बाद भी आरोपी पुलिस की गिरफ्थ से बाहर हैं. इसी से गुस्साये संगठन के सदस्यों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया.
श्री मुर्मू ने आरोप लगाया कि पुलिस मामले की एफआइआर कॉपी भी नहीं दे रही है. वह आरोपियों का साथ दे रही है और पुलिस तृणमूल के इशारे पर काम कर रही है. दो दिन पहले संगठन की ओर से दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को दो दिनों का अल्टीमेटम दिया गया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ. पुलिस जब तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं करेगी, तब तक संगठन का आंदोलन जारी रहेगा.
मानवाधिकार के संस्था के चंचल चक्रवर्ती ने बताया कि तृणमूल के इशारे पर पुलिस काम कर रही है. आदिवासी समाज पर लगातार बढ़ रहे अत्याचार से उनका गुस्सा बढ़ता जा रहा है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि पुलिस यदि तृणमूल आदिवासी संगठन के साथ लड़ना चाहती है तो आदिवासी समाज के लोग तैयार हैं.
श्यामल मुर्मू पर हमला करने वालों को पुलिस जल्द से जल्द गिरफ्तार करे. उल्लेखनीय है कि बीते मंगलवार निर्माण कार्य के लिए सामग्री सप्लाई को लेकर दो सिंडिकेट के बीच मारपीट में दो लोग घायल हुए थे. मारपीट में घायल आदिवासी युवा नेता श्यामल मुर्मू की हालत चिंताजनक है. मालूम हो कि पालासडीहा इलाके में एक संस्था का निर्माण कार्य चल रहा है. निर्माण कार्य के लिए संस्था ने स्थानीय लोगों को निर्माण सामग्री सप्लाई को कहा था.
आदिवासी संगठन के युवा नेता श्यामल मुर्मू ने संस्था को निर्माण सामग्री सप्लाई के लिए तैयारी कर रखा था. आरोप है कि इलाके के तृणमूल कांग्रेस कर्मी श्यामल बनर्जी के नेतृत्व में श्यामल मुर्मू के ऊपर निर्माण सामग्री सप्लाई को केंद्र कर हमला किया गया जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गये. गंभीर हालत में स्थानीय लोगों ने उन्हें दुर्गापुर महकमा अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनकी हालत गंभीर बतायी जा रही है.
वहीं मामले में पार्षद मानस राय ने कहा कि जिन लोगों के बीच मारपीट हुई है वे पार्टी के लोग नहीं हैं. उन्होंने कहा दोनों पक्षों को पार्टी कार्यालय में बुलाया गया था लेकिन कोई नहीं आया. श्यामल मुर्मू ने बताया कि निर्माण कार्य के लिए सामग्री की सप्लाई वही लोग कर सकता है जिन्हें संस्था ने जिम्मेवारी दी है, लेकिन यहां पर तृणमूल कांग्रेस के लोग निर्माण कार्य के लिए सामग्री की सप्लाई खुद करना चाह रहे हैं.
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