- अपनों के बीच चर्चा कर सब ठीक हो जायेंगे.
- पहाड़गोड़ा मोहनपुर फ्री प्राइमरी स्कूल की दीवारें हो गयी जर्जर
- इसीएल की खदान में विस्फोट होने के समय हो जाती है छुट्टी
- स्कूल को स्थानान्तरित करने का प्रस्ताव दे रखा है इसीएल ने
- डीपीएससी की अनापत्ति के लंबित रहने के कारण बना गतिरोध
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इस स्कूल का भवन है जर्जर, हिलती हैं दीवारें, जान जोखिम में डालकर पढ़ते हैं बच्चे
अपनों के बीच चर्चा कर सब ठीक हो जायेंगे. पहाड़गोड़ा मोहनपुर फ्री प्राइमरी स्कूल की दीवारें हो गयी जर्जर इसीएल की खदान में विस्फोट होने के समय हो जाती है छुट्टी स्कूल को स्थानान्तरित करने का प्रस्ताव दे रखा है इसीएल ने डीपीएससी की अनापत्ति के लंबित रहने के कारण बना गतिरोध रूपनारायणपुर : सालानपुर […]
रूपनारायणपुर : सालानपुर प्रखंड में सामडी ग्राम पंचायत अंतर्गत पहाड़गोड़ा इलाके में स्थित पहाड़गोड़ा मोहनपुर फ्री प्राइमरी स्कूल के 67 छात्र जान हथेली पर रखकर प्रतिदिन स्कूल में पढ़ाई करने को मजबूर है. स्कूल भवन की दीवारों में जगह- जगह दरारें पड़ी है.स्कूल से कुछ ही दूरी पर मोहनपुर ओसीपी में दोपहर को ब्लास्टिंग शुरू होते ही किसी हादसे के डर से स्कूल में अघोषित छुट्टी हो जाती है. स्कूल ब्लास्टिंग जोन में आ जाने के कारण इसीएल प्रबंधन ने वर्ष 2014 में इसे दूसरी जगह शिफ्ट करने के लिए बीडीओ और स्कूल निरीक्षक से अपील की थी.
स्कूल भवन का वैल्यूएशन भी किया गया. जिला प्राथमिक स्कूल काउंसिल (डीपीएससी) के चेयरमैन से एनओसी नहीं मिलने के कारण इस स्कूल के स्थानांतरित करने की प्रक्रिया अब तक लंबित पड़ी है.
एक जनवरी, 1971 को पहाड़गोड़ा इलाके में स्थानीय लोगों द्वारा दी गयी जमीन में पहाड़गोड़ा मोहनपुर एफपी स्कूल की स्थापना हुई. मोहनपुर कोलियरी के विस्तार को लेकर स्कूल स्थानांतरित करने की प्रक्रिया वर्ष 2014 में आरम्भ हुई. स्थानीय लोगों के विरोध के कारण जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में विलम्ब होने से स्कूल स्थानांतरण की प्रक्रिया भी लटक गयी.
इस बीच कोलियरी में हो रही ब्लास्टिंग से स्कूल में जगह जगह दरारें पड़ गयी. बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए 20 मई, 2017 को प्रधान शिक्षक निखिल चंद्र माजी ने स्कूल स्थानांतरण के लिए जिला निरीक्षक को पत्र लिखा. स्थानीय स्कूल निरीक्षक ने पांच दिसंबर, 2017 को डीपीएससी के चेयरमैन को स्कूल स्थानांतरण के लिए एनओसी देने की अपील की.
बर्दवान जिला का पुनर्गठन होने के कारण 23 फरवरी, 2018 को डीपीएससी पूर्व बर्दवान के चेयरमैन ने इस मुद्दे पर एनओसी के लिए डीपीएससी पश्चिम बर्दवान को जरूरी कार्रवाई करने को लेकर पत्र भेजा.
प्रधानशिक्षक श्री माजी ने बताया कि डीपीएससी के चेयरमैन को इस मुद्दे पर चिट्ठी लिखी गई. स्कूल के लिए जमीन भी मिल गयी है. इसीएल ने फंड भी आवंटित कर रखा है. डीपीएससी चेयरमैन की अनुमति न मिलने से प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है. स्कूल के दो भवनों में पांच कमरे हैं. कुल 67 छात्र और दो शिक्षक है.
दो रूम काफी जर्जर होने के कारण उसे बंद कर दिया गया है. अन्य तीन कमरों की दीवारों में भी दरारें आ चुकी है. ओसीपी में ब्लास्टिंग होने पर स्कूल भवन की दीवार हिलने लगती है. कभी भी बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. पहले तो अभिभावकों ने बच्चों को भेजना बंद कर दिया था. अब बच्चे आते हैं, लेकिन दोपहर को ब्लास्टिंग से पूर्व बच्चे स्कूल से चले जाते हैं.
मिड डे मील के लिए पानी नहीं, शौचालय भी बंद
स्कूल परिसर में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. मिड डे मील के लिए गांव के एक कुएं से पानी लाया जाता है. शौचालय भी ब्लास्टिंग के कारण क्षतिग्रस्त हो चुका है. यहां पानी की व्यवस्था न होने के कारण शौचालय का उपयोग भी नहीं होता है. स्कूल में छात्र, छात्राएं और शिक्षक खुले में शौच करने को मजबूर हैं.
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