दुर्गापुर : कश्मीर में आतंकी हमला में शहीद सैनिकों के शहादत का बदला लेने के दौरान पाक सीमा में फंसे पायलट अभिनंदन को रिहाई की खबर से देश का हर नागरिक हर्षित है. वहीं आतंकवाद के खिलाफ छेड़ा गया भारतीय सेना का अभियान आगे भी जारी रखने की मांग उठ रही है.
शिल्पांचल के कई समाजसेवी संगठन के प्रतिनिधियों ने एक सुर में आतंक के खिलाफ अभियान को तेज गति से जारी रखने की मांग की है. भोजपुरी मंच दुर्गापुर के अध्यक्ष डॉक्टर सत्यदेव ओझा ने बताया कि वीर अभिनंदन शेर के समान हैं. अभिनंदन का रिहा होना भारत सरकार के प्रशासनिक परिणाम एवं जनेवा समझौता के तहत किया जा रहा है.
बावजूद इसके शहीद हुए 45 सैनिकों को हम भारतीय अभी भूले नहीं हैं. अखिल भारतीय सांस्कृतिक परिषद के पूर्व महामंत्री जेपीएन ओझा ने बताया कि आतंकी हमला का कड़ा विरोध करना चाहिए ताकि भविष्य में पाकिस्तान ऐसी भूल दोबारा ना करें. लोहा गरम होने पर ही उस पर वार करना उचित होता है. पूरा देश इस वक्त जोश में है, पाकिस्तान को सबक सिखाने का बेहतर मौका है.
मुझे उम्मीद है कि भारतीय सेना इस अवसर को सही उपयोग करेगी. बंगीय भोजपुरी महासभा के अध्यक्ष एके मिश्रा ने बताया कि अभिनंदन का रिहा होना और आतंकी हमले के खिलाफ चल रहा अभियान दोनों अलग मुद्दा है. अभिनंदन को रिहा करना जनेवा संधि के अधीन है, लेकिन आतंकवाद को जड़ से मिटाना भारतीय सेना को बखूबी आता है.
पाकिस्तान में फल-फूल रहे आतंकवाद को नष्ट करने के लिए भारतीय सेना को पिछले दिनों की अपेक्षा अभियान में तेजी लानी चाहिए. समाजसेवी अशोक पांडे ने बताया कि भारतीय नागरिक सदैव शांति एवं अमन इच्छुक होते हैं. भारतीय सेना को संयम बरतते हुए मानवता की रक्षा के साथ आतंकवाद को नष्ट करने का अभियान जारी रखना चाहिए.
रमन उपाध्याय ने बताया कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला पाक का नापाक चेहरा पूरी दुनिया को मालूम चल गया है. अभिनंदन रिहा होने के साथ-साथ जब तक आतंकवाद का पूरा सफाया ना हो तब तक अभियान जारी रखना चाहिए.