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अधर में लटका कर्मचारियों का वेतन, आंदोलन की धमकी
दुर्गापुर: दुर्गापुर के प्रमुख हिंदी स्कूलों में से एक भारतीया हिंदी स्कूल इन दिनों अंदरूनी विवादों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रह रहा है. स्कूल में आये दिन नए विवाद की खबर आ रही है. इन दिनों स्कूल शिक्षकों की सैलरी रिक्यूजिसन को लेकर स्कूल में तनातनी चल रही है. बताया जाता है कि प्रत्येक […]
दुर्गापुर: दुर्गापुर के प्रमुख हिंदी स्कूलों में से एक भारतीया हिंदी स्कूल इन दिनों अंदरूनी विवादों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रह रहा है. स्कूल में आये दिन नए विवाद की खबर आ रही है. इन दिनों स्कूल शिक्षकों की सैलरी रिक्यूजिसन को लेकर स्कूल में तनातनी चल रही है. बताया जाता है कि प्रत्येक महीने के प्रथम सप्ताह में स्कूल की ओर से शिक्षकों के वेतन के लिए सैलरी रिक्यूजिसन भेजा जाता है.
इसमें स्कूल कमेटी के अध्यक्ष और स्कूल के हेडटीचर या टीचर इंचार्ज का हस्ताक्षर होना अनिवार्य है. सूत्र बताते है कि इस महीने स्कूल की ओर से जो सैलरी रिक्यूजिसन भेजा गया है. उसमें स्कूल इंचार्ज का हस्ताक्षर नहीं है. इस कारण स्कूल को विभाग की ओर से नोटिस जारी कर अवलम्ब अधूरे सैलरी रेकुइजिसन को पूरा कर भेजने का निर्देश जारी किया गया है. लेकिन अभी तक उस निर्देश का पालन नहीं हो पाया है. इस कारण स्कूल के 40 से अधिक शिक्षक और कर्मचारियों का वेतन अधर में लटकता दिख रहा है. वही इसे लेकर स्कूल का माहौल गरमा गया है. स्कूल के शिक्षक और प्रभारी शिक्षक अनिल पांडे के बीच आरोप, प्रत्यारोप का दौर जारी है.
शिक्षक अभय प्रसाद, निरंजन कुमार महतो, सुशांत कुमार, विजय कुमार प्रसाद, नवीन प्रकाश साव, समीर दे का आरोप है कि शिक्षक प्रभारी अनिल पांडे अपने कर्तव्यों का सही तरह से निर्वहन नहीं कर पा रहे है. उनका व्यवहार शिक्षकों के साथ सही नहीं है. उनकी मंशा केवल और केवल शिक्षकों के परेशान करने की है. इस कारण स्कूल का माहौल खराब हो रहा है. प्रभारी शिक्षक अपने कामो में ध्यान ना देकर शिक्षकों की कमी निकालने में लगे रहते हैं. उनके कारण ही आज स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन अधर में लटक गया है. उनका कहना है कि यदि मंगलवार तक सैलेरी का मुद्दा नहीं निपटता है तो आन्दोलन किया जायेगा.
प्रभारी पद पर रहने के दौरान उन्होंने पिछले दो महीने सैलरी रिक्युजिसन पर अंतिम समय में हस्ताक्षर किया था. इस महीने उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किया. इस कारण विभाग की ओर से नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि आगामी 25 जून को संचालन कमेटी की बैठक में उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी. स्कूल के प्रभारी शिक्षक अनिल पांडे ने कहा कि अप्रैल महीने में उन्होंने प्रभारी का पद संभाला था. परन्तु स्कूल के साथी शिक्षकों से सहयोग नहीं मिलने के कारण उन्होंने अपना त्याग पत्र संचालन कमेटी को सौपा था. संचालन कमेटी ने त्याग पत्र मंजूर कर उन्हें नये प्रभारी आने तक स्कूल संभालने का निर्देश दिया था.
इसके अनुसार स्कूल के अकादमिक जिम्मेदारी सम्भाल रहे हैं. इन तीन महीनों के दौरान उन्हें अन्य जिम्मेदारियों से मुक्त रखा गया. स्कूल का प्रभारी होने के बाद आज भी स्कूल की पूरी फाइनेंसियल जिम्मेदारी पूर्व प्रभारी समरी दे उठा रहे हैं. स्कूल के मिड डे मिल का संचालत, बैंक का का सारा कामकाज यहां तक कि स्कुल के ई मेल के पासवर्ड की जानकारी भी उन्हें नहीं दी गई है. उन्होंने बताया कि जब मेरे पास केवल एकेडमिक की जिम्मेदारी है, मै किस आधार पर सैलरी रिक्युजिसन पर हस्ताक्षर करूंगा.
उन्होंने कहा की पिछले दो महीने उन्होंने स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों के हित को ध्यान में रख कर हस्ताक्षर किये थे. परन्तु उनके असहयोगपूर्ण रवैये के कारण इस बार हस्ताक्षर नहीं किया. विभाग के अधिकारियों को सारी स्थिति से अवगत करा दिया है. शिक्षक प्रभारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूल के पूर्व प्रभारी ने अवैध तरीके से स्कूल के फाइनेंसियल कार्यों को निपटा रहे है जबकि नियमानुसार स्कूल के सारे ऑफिसियल कार्यों को निपटाने का भार स्कूल के हेड टीचर या टीचर इन्चार्च का होता है.
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