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कोलकर्मियों के एरियर भुगतान का मामला लटका
सांकतोडिया : कोलकर्मियों के एरियर राशि, ओटी तथा मेडिकेयर स्कीम की देखरेख के लिए ट्रस्ट गठन का मुद्दा लटक गया. छह माह बीतने के बाद भी अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है. स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी की बैठक स्थगित होने से कोयला कर्मियों को अब इंतजार करना पड़ेगा. ठेका मजदूरों के वेतन समेत अन्य मुद्दों […]
सांकतोडिया : कोलकर्मियों के एरियर राशि, ओटी तथा मेडिकेयर स्कीम की देखरेख के लिए ट्रस्ट गठन का मुद्दा लटक गया. छह माह बीतने के बाद भी अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है. स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी की बैठक स्थगित होने से कोयला कर्मियों को अब इंतजार करना पड़ेगा. ठेका मजदूरों के वेतन समेत अन्य मुद्दों के लिए कमेटी भी बनायी जानी है.
इसीएल समेत सीआइएल की सभी अनुषांगिक कोयला कंपनियों में कार्यरत 2.98 लाख कर्मियों का वेतन समझौता अक्तूबर, 2017 में हुआ था. इस दौरान कुछ बिंदुओं पर पृथक बैठक कर निर्णय लेने पर सहमति बनी थी, पर इन मुद्दों पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है. प्रबंधन ने स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी की बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा करने पर सहमति जताई थी, लेकिन बैठक स्थगित किए जाने से मामला अब लटक गया है. दसवें वेतन समझौता के अनुसार कर्मियों को एरियर की पहली किश्त 51 हजार रु पये भुगतान किया जा चुका है. शेष राशि का भुगतान बाद में करने का आश्वासन दिया गया था.
उम्मीद जताई जा रही थी कि नये वित्तीय वर्ष में बकाये राशि का भुगतान किया जायेगा. पर इस मसले पर अभी तक निर्णय नहीं लिया जा सका है. इसी तरह प्रबंधन ने संडे ड्यूटी एवं ओवरटाइम पर भी अंकुश लगा दिया है. कर्मियों ने विरोध अवश्य किया, पर प्रबंधन फंड की कमी बता इसे पूरी तरह लागू करने में सफल हो गया है. नए वित्तीय वर्ष में भी संडे व ओटी देने के संदर्भ में कोई आदेश जारी नहीं किया गया है. इसके साथ ही टेक्निकल कमेटी का गठन, ठेका मजदूरों के लिए कमेटी समेत अन्य मुद्दे लटक गये हैं.
कर्मियों का कहना है कि बैठक नहीं होने से उन्हें नुकसान ङोलना पड़ रहा है. सेवानिवृत्त कर्मियों के मेडिकेयर स्कीम पर प्रबंधन एवं यूनियन प्रतिनिधियों के बीच सहमति बन चुकी है. इसके संचालन के लिए ट्रस्ट का गठन किया जाना है. इसमें कौन रहेंगे और नियम क्या होगा, यह तय नहीं हो सका है. इसके साथ ही इस स्कीम के लिए रिटायर कर्मियों को सदस्य बनने की समय सीमा का निर्धारण किया जाना है.
कोलकर्मियों को उम्मीद थी कि स्टैंडर्डाइजेशन कमेटी की बैठक में मई माह के प्रथम सप्ताह में होगी. इस दौरान कम से कम एरियर के मुद्दे पर चर्चा कर भुगतान के संदर्भ में निर्णय लिया जायेगा. प्रबंधन जब तक बैठक आयोजित नहीं करेगा, तब तक इस मसले पर निर्णय निकलना मुश्किल है. मजदूर अब यूनियन प्रतिनिधियों पर ही सवाल उठाने लगे हैं कि मजदूरों को एक होने का नारा देने वाले मजदूर संगठन ही एक नहीं हैं, तो मजदूर कैसे एकजूट होगा?
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