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एनएससी में इंटक की दो सीटों के लिए तीन गुटों ने ठोका दावा

सरकार ने दिया था एक होने का मौका, खो दिया महत्वाकांक्षी नेताओं ने आसनसोल : इंटक के नेता भले ही केंद्रीय सरकार पर आरोप लगाये कि सरकार के कारण इंटक सभी कमेटियों से बाहर है, सरकार बदला ले रही है, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयाम कर रही है. आपसी मतभेदों के कारण तीन गुटों […]

सरकार ने दिया था एक होने का मौका, खो दिया महत्वाकांक्षी नेताओं ने

आसनसोल : इंटक के नेता भले ही केंद्रीय सरकार पर आरोप लगाये कि सरकार के कारण इंटक सभी कमेटियों से बाहर है, सरकार बदला ले रही है, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयाम कर रही है. आपसी मतभेदों के कारण तीन गुटों में बंटी इंटक को एक होने का मौका सरकार ने उपलब्ध कराया, पर इंटक नेताओं ने इसे भी गंवाते हुए एक बार फिर से साबित कर दिया कि उनमें अहम की लड़ाई प्रमुख मुद्दा है. ताजा मामला नेशनल सेफ्टी काउंसिल से जुड़ा है.
क्या है पूरा मामला
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रलय के अंडर सेक्रेटरी वी नीरजा ने आठ जनवरी, 2018 को इंटक के तीनों गुटों को अलग-अलग पत्र लिख कर नेशनल सेफ्टी काउंसिल के लिए आपसी सहमति कर दो प्रतिनिधियों के नाम 15 दिनों में मांगें. पत्र में यह भी लिखा कि अगर सहमति नहीं हुयी तो इंटक की दो सीट रिक्त रखी जायेगी. इस पत्र के आलोक में रेड्डी गुट ने पीके राय, संजीव गावा, महाबल इंटक ने केके तिवारी, भास्कर कुमार सिंह तथा ददई गुट इंटक ने चन्द्रशेखर दूबे और एनजी अरुण का नाम प्रस्तावित कर भेज दिया. इसके बाद तो यह तय हो गया कि जब सहमति नहीं बनी तो नेश्नल सेफ्टी काउंसिल मं इंटक की दो सीटें रिक्त रह जायेंगी.
असली-नकली को लेकर मुकदमा
इंटक में असली और नकली को लेकर करीब आधा दर्जन मुकदमें दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहे हैं. कोर्ट के आदेश के कारण इंटक 10वें जेबीसीसीआई से बाहर ही नहीं हो गयी, बल्कि कोयला वेतन समझौता के इतिहास में पहली बार बगैर इंटक वेतन समझौता हो गया. इतना ही नहीं, चार जनवरी, 2017 को केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी कर इंटक को देश के सभी उद्योंगो के द्विपक्षीय एवं त्रिपक्षीय कमेटियों से भी बाहर कर दिया. इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीएमएस प्रवक्ता ने कहा कि एक बार फिर से साबित हो गया है कि इंटक आपसी लड़ाई के कारण हाशिये पर है. इसमें न तो किसी संगठन और न ही सरकार की कोई संलिप्तता है. आपसी झगड़ों का दोष उनके नेता दूसरों को देते हैं, जो सही नहीं है.
फरवरी के दूसरे सप्ताह में कोल इंडिया चेयरमैन का इंटरव्यू !
कोल इंडिया के स्थायी चेयरमैन के लिए फरवरी माह के दूसरे सप्ताह में इंटरव्यू हो सकता है. इस बार पब्लिक इंटरप्राइजेज सेलेक्शन बोर्ड (पीइएसबी) के बजाय कोयला मंत्रलय को इंटरव्यू लेना है. पहली बार कोल इंडिया के स्थायी चेयरमैन के चयन की जिम्मेवारी कोयला मंत्रलय द्वारा गठित सर्च कमेटी को मिली है. इसके पूर्व कोल इंडिया ते चेयरमैन के लिए पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज बोर्ड इंटरव्यू लेता रहा है. पिछले दो बार से कोल इंडिया के चेयरमैन की कमान सिंगरैनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड ( एससीसीएल) के चेयरमैन को मिलती रही है. इस बार भी वहां के चेयरमैन एन श्रीधर ने इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है. कोल इंडिया के प्रभारी चेयरमैन गोपाल सिंह सहित 35 ऑफिसरों के आवेदन करने की सूचना है. ज्ञात हो कि पिछले साल 31अगस्त को एस भट्टाचार्या के रिटायर होने रे बाद सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह को प्रभारी चेयरमैन बनाया गया था.
इससे पहले दोनो चेयरमैन एससीसीएल के रहे है : चेयरमैन पद पर पिछले दो बार से एससीसीएल के चेयरमैन रहे अधिकारी का ही चयन हो रहा है. एस नरसिंहराव और सुतीर्थ भट्टाचार्या दोनों एससीसीएल के चेयरमैन थे. दोनों भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे. एस नरसिंह राव कोल इंडिया चेयरमैन पद से इस्तीफा देकर तेलंगना सरकार में सलाहकार बन गये थे.
आश्रित के नियोजन मुद्दे पर यूनियनों ने खारिज किया प्रस्ताव
एसइसीएल मुख्यालय बिलासपुर में बीते सोमवार को आश्रितों के नियोजन से जुड़ी सब कमेटी की हुयी बैठक मं यूनियन नेताओं ने प्रबंधन के नियोजन नहीं देने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. नेताओं ने कहा कि जैसे चल रहा है, वैसे ही चलेगा. यानी नौकरी के दौरान मृत होने या मेडिकल अनफिट होने पर आश्रित को नियोजन देना होगा. बैठक की अध्यक्षता एमसीएल के कार्मिक निदेशक एलएन मिश्र ने की. उसमें सीटू के डीडी रामानंदन और एचएमएस के नत्थूलाल पांडेय उपस्थित थे.
प्रबंधन का प्रस्ताव : बैठक में एमसीएल के कार्मिक निदेशक श्री मिश्र ने मौत तथा मेडिकल अनफिट मामले में एकमुश्त 75 लाख की राशि या रिटायरमेंट की अवधि तक वेतन देने का प्रस्ताव दिया. इस पर यूनियन प्रतिनिधियों ने कहा कि इसे ऑप्शनल करिये यानी जिसको एकमुश्त रकम लेनी हो, वो एकमुश्त रकम ले, जिस आश्रित को नियोजन लेना हो, वह नियोजन ले.बैठक मेंकिसी भी बात पर सहमति नहीं बनी.
अब क्या होगा
तय हुआ कि बैठक में जो हुआ, इसका एक मिनट्स तैयार होगा. फिर उसे बैठछक में श्ळामिल यूनियन प्रतिनिधियों के पास भेजा जायेगा. उनके हस्ताक्षर होने के बाद इसे जेबीसीसीआई की सब कमेटी के पास भेजा जायेगा. अब इस पर सब कमेटी फैसला करेगी. सब कमेटी में डब्ल्यीूसीएल के सीएमडी आरआर मिश्र, एसइसीएल के सीएमडी बीआर रेड्डी, एमसीएल के कार्मिक निदेशक एलएन मिश्र, बीएमएस के डॉ बीके राय, एटक के रमेन्द्र कुमार, सीटू के डीडी रामानंदन और एचएमएस के नत्थूलाल पांडेय शामिल हैं.

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