प्रतिवाद. ‘पद्मावत’ के विरोध की आंच आसनसोल भी पहुंची
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विश्व िहंदू परिषद कर्मियों ने दहन किया संजय लीला भंसाली का पुतला
प्रतिवाद. ‘पद्मावत’ के विरोध की आंच आसनसोल भी पहुंची फिल्म पद्मावती (अब पद्मावत) के विरोध का मोर्चा विश्व हिन्दू परिषद ने संभाल लिया है. शहर में संगठन कर्मियों ने पुतला दहन करप्रतिवाद जताया तथा फिल्म का प्रदर्शन करने पर विरोध जारी रखने की घोषणा की. आसनसोल : पद्मावत फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने से […]
फिल्म पद्मावती (अब पद्मावत) के विरोध का मोर्चा विश्व हिन्दू परिषद ने संभाल लिया है. शहर में संगठन कर्मियों ने पुतला दहन करप्रतिवाद जताया तथा फिल्म का प्रदर्शन करने पर विरोध जारी रखने की घोषणा की.
आसनसोल : पद्मावत फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट के इंकार के बावजूद शुक्रवार को फिल्म का प्रदर्शन रोकने के लिए हो रहा विरोध बुधवार को आसनसोल में भी शुरू हो गया. विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की जिला कमेटी के बैनर तले आसनसोल साउथ थाना अंतर्गत मुर्गासोल मोड़ के पास फिल्म के निर्माता व निदेशक संजय लीला भंसाली का पुतला दहन किया गया. प्रतिवाद कर रहे युवकों ने कहा कि इसके प्रदर्शन के विरोध मेंआंदोलन जारी रहेगा.
सनद रहे कि पहले इस फिल्म का नाम पद्मावती था. राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों में करनी सेना के विरोध के साथ ही झारखंड की सीमा पर भी विरोध शुरू हुआ था. क्षत्रिय समाज ने पश्चिम बर्दवान जिले के जिलाशासक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने की घोषणा भी की थी. प्रदर्शन के दिन अनुमति नहीं होने के नाम पर पुलिस ने प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी. यहां तक कि शिष्टमंडल तक को जिलाशासक से नहीं मिलने दिया गया था. इसके बाद घोषणा की गयी थी कि जिलाशासक से अनुमति लेकर इसकाविरोध प्रदर्शन किया जायेगा. पूरे देश में हो रहे विरोध को देखते हुए इस फिल्म का नाम बदल कर पद्मावत कर दिया गया. कुछ संशोधन भी किया गया. आगामी 25 जनवरी से इसका प्रदर्शन शुरू होने वाला है.
इधर विश्व हिन्दू परिषद की आसनसोल जिला कमेटी के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को मुर्गासोल मोड़ के पास फिल्म के निदेशक संजय लीला भंसाली का पुतला दहन किया. संगठन के शशिभूषण यादव, संतोष भगत, सुब्रत मुखर्जी, प्रदीप कुमार, जयप्रकाश ठाकुर आदि उपस्थित थे. उन्होंने इसके खिलाफ जम कर नारेबाजी भी की.
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे युवकों ने कहा कि इस फिल्म मेंऐतिहासिक तथ्यों के साथ आपत्तिजनक तरीके से छेड़छाड़ की गयी है. भले ही इस फिल्म का नाम बदल दिया गया है लेकिन चीजे पूर्ववत ही है. इस छेड़छाड़ से समाज के व्यापक तबके को काफीठेस पहुंची है. यहां तक कि चार राज्यों ने इसके प्रदर्शन पर रोक भी लगा दी थी. उन्होंने कहा कि फिल्म निदेशक श्री भंसाली को अगर इतिहास को लेकर इतना उन्माद है तो वे मुगलों द्वारा उत्पीड़ित हिन्दुओ के साथ की गयी बर्बरता को फिल्म का केंद्र बनाये. उन्होंने कहाकि फिल्म का विरोध जारी रहेगा.
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