कोल इंडिया. 18 को वीआरएस सब कमेटी की बैठक में मुहर लगने की उम्मीद
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वीआरएस लेनेवालों को लीज पर मिलेगा आवास
कोल इंडिया. 18 को वीआरएस सब कमेटी की बैठक में मुहर लगने की उम्मीद कोल इंडिया की अनुषांगिक कोयला कंपनियों की 37 भूमिगत खदानों से कंपनियों को भारी घाटा हो रहा है. उत्पादन लागत में कटौती के सारे प्रयास विफल होने के बाद कंपनी ने इन खदानों को बंद करने तथा इसके कर्मियों को वीआरएस […]
कोल इंडिया की अनुषांगिक कोयला कंपनियों की 37 भूमिगत खदानों से कंपनियों को भारी घाटा हो रहा है. उत्पादन लागत में कटौती के सारे प्रयास विफल होने के बाद कंपनी ने इन खदानों को बंद करने तथा इसके कर्मियों को वीआरएस देने का निर्णय लिया है.
आसनसोल : कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के तहत रिटायरमेंट लेने वाले कर्मियों को लीज पर आवास देने का मन बनाया है. इस पर आगामी 18 जनवरी को विलासपुर में वीआरएस सब कमेटी की होनेवाली बैठक में मुहर लगने की संभावना है.
वीआरएस को अधिक आकर्षक बनाने के लिए कंपनी ऐसा करने जा रही है ताकि अधिक से अधिक कोल कर्मी रिटायरमेंट ले सके. विदित हो कि कोल इंडिया ने वीआरएस तैयार करने के लिए सब कमेटी की एक सब कमेटी गठित की थी.
बीते 21 जुलाई, 2017 को रायपुर में
वीआरएस का ड्रॉफ्ट तैयार किया गया. इसकी कॉपी ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों एवं सभी अनुषंगी कंपनियों को भेज कर उनसे उनके विचार मांगे गये. इस पर निर्णय लेने के लिए सब कमेटी की बैठक 18 जनवरी को होनेवाली है. वीआरएस सब कमेटी के अध्यक्ष एसइसीएल के सीएमडी बीआर रेड्डी हैं. यह स्कीम कोल इंडिया की सभी कंपनियों में लागू होगी. जानकार इसे भूमिगत खदानों के कर्मचारियों की संख्या कम करनेवाली स्कीम बता रहे हैं. वहीं कंपनी के अनुसार कंपनी को बेहतर बनाने के लिए यह स्कीम लांच की जा रही है.
स्कीम को अधिक आकर्षक बनाने के लिए आवास मिलेगा लीज पर
भूमिगत खदानों के कर्मियों की संख्या कम करने की दिशा में है कदम
भूमिगत खदानों के कर्मियों के लिए स्कीम
कोल इंडिया प्रबंधन ने दसवें जेबीसीसीआई की 28 जुलाई, 2017 को हुयी बैठक में 37 भूमिगत खदानों को बंद करने एवं कर्मियों के लिए वीआरएस स्कीम का प्रस्ताव दिया था. इन खदानों से कोयले के उत्पादन में भारी खर्च हो रहा है. प्रबंधन की रिपोर्ट के मुताबिक इन 37 खदानों पर कंपनी को सलाना 422 करोड़ रूपये का घाटा हो रहा है. जानकारों के अनुसार वीआरएस भूमिगत खदानों के कर्मियों के लिए ही है. इसके लिए ईसीएल के कार्मिक निदेशक केएस पात्र की अध्यक्षता में सब कमेटी की एक सब कमेटी बनायी गयी थी. इसमें एसइसीएल के कार्मिक निदेशक आरएस झा, एमसीएल के कार्मिक निदेशक एलएन मिश्र तथा कोल इंडिया के सीनियर मैनेजर वेद प्रकाश शामिल थे.
इन्हें मिलेगा लाभ
वैसे कर्मचारी जिन्होंने कम से कम दस साल की नौकरी की हो और 40 साल की उम्र पूरी कर चुके हो, जो गंभीर बीमारी मसलन हार्ट, एचआईवी, टीबी, कैंसर, लेप्रोसी, ब्रेन डिसऑर्डर, पूरी तरह से नेत्रहीन है, वे इस स्कीम के तहत वीआरएस ले सकते हैं. जिनकी नौकरी छह माह बाकी है, उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा. वीआरएस लेनेवाले कर्मियों को की गयी नौकरी के साल के 45 दिन का वेतन और बाकी नौकरी का पूरा वेतन मिलेगा. इस स्कीम के तहत मिलनेवाले पैसे नियमानुसार टैक्स के दायरे में होंगे.
इन्हें नहीं मिलेगा लाभ
कंपनी के स्टेच्यूरी पद वाले कर्मी ओवरमैन, माइनिंग सरदार, सव्रेयर, इलेक्ट्रिकल सुपरवाइजर, वाइडिंग इंजन ऑपरेटर, ड्रेग लाइन ऑपरेटर, शावेल ऑपरेटर, डंपर ऑपरेटर, ड्रील ऑपरेटर, क्रेन ऑपरेटर, डोजर ऑपरेटर, सरफेस माइनर, इलेक्ट्रिशियन और पारा स्टॉफ को वीआरएस का लाभ नहीं मिलेगा.
आवेदन के नियम
इसके तहत एक फॉर्मेट पर आवेदन कर कोलियरी में रिसीव कराना होगा. कोलियरी से आवेदन एरिया ऑफिस जायेगा और वहां से कपनी मुख्यालय. कंपनी के कार्मिक निदेशक इस स्कीम के सक्षम अधिकारी होंगे. इस स्कीम के तहत आवेदन देने के बाद अगर किसी कर्मी की मौत हो जाती है तो उसके बदले किसी आश्रित को नियोजन नहीं देकर प्रबंधन मुआवजा देगा. स्कीम लागू होने के एक साल बाद तक वैलिड रहेगा.
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