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राज्य के टॉपरों में शामिल होंगे हिंदीभाषी छात्र भी

उच्च माध्यमिक की परीक्षा में हिंदी में प्रश्न पत्र मिलने से रिजल्ट होगा बेहतर शिल्पांचल में शिक्षाविदों, हिंदीभाषी अभिभावकों ने स्वागत किया इस निर्णय का आसनसोल : उच्च माध्यमिक की वार्षिक परीक्षा में हिंदी माध्यम के परीक्षार्थियों को हिंदी में प्रश्न पत्र दिये जाने के राज्य सरकार के निर्णय का शिल्पांचल में शिक्षाविदों, हिंदीभाषी अभिभावकों […]

उच्च माध्यमिक की परीक्षा में हिंदी में प्रश्न पत्र मिलने से रिजल्ट होगा बेहतर

शिल्पांचल में शिक्षाविदों, हिंदीभाषी अभिभावकों ने स्वागत किया इस निर्णय का
आसनसोल : उच्च माध्यमिक की वार्षिक परीक्षा में हिंदी माध्यम के परीक्षार्थियों को हिंदी में प्रश्न पत्र दिये जाने के राज्य सरकार के निर्णय का शिल्पांचल में शिक्षाविदों, हिंदीभाषी अभिभावकों ने स्वागत किया है. उन्होंने हिंदी में प्रश्न पत्र दिये जाने से हिंदी भाषी स्टूडेंटस के परीक्षा परिणाम बेहतर होने का दावा किया है.
प्रो. हिरक गुप्ता ने कहा कि राज्य में बांग्ला के अतिरिक्त अन्य भाषाओं के स्टूडेंटस भी पठन पाठन करते हैं. राज्य के शिक्षण संस्थानों में हिंदीभाषी विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हिंदी में प्रश्न पत्र देने से उनका मनोबल बढेगा और उनके परीक्षा परिणाम भी बेहतर होंगे.
शिक्षक विजय प्रकाश ने कहा कि हिंदी में प्रश्न पत्र आने से राज्य के उच्च माध्यमिक के टॉपरों की सूची में हिंदी भाषियों के नाम भी जुड़ जायेंगे. उन्होंने राज्य सरकार के इस निर्णय को स्वाग्त योग्य बताते हुए कहा कि राज्य के बहुसंख्यक हिंदीभाषी इस निर्णय से लाभांवित होंगे. अंग्रेजी में प्रश्न पत्र दिये जाने से हिंदी भाषी स्टूडेंटस को अनुवाद करने में समय नष्ट होता है. बहुत से हंिदूी भाषी स्टूडेंटस प्रश्नों के उत्तर जानने के बावजूद छोड़ देते हैं परंतु अब यह असुविधा नहीं होगी. इससे परीक्षा में पास करने वाले हिंदीभाषी स्टूडेंटस की संख्या भी बढेगी.
मोनू अग्रवाल ने कहा कि उनके समय में यह सुविधा नहीं थी. अंग्रेजी में प्रश्न पत्र आने से बहुत से स्टूडेंटस को परेशानी का सामना करना पड़ता है. हिंदी में प्रश्न पत्र आने से िहंदी भाषी स्टूडेंटस निश्चय ही लाभांवित होंगे. इससे उनका परीक्षा परिणाम बेहतर होगा.
अधिवक्ता महेश प्रसाद वर्मा ने कहा कि राज्य में हिंदी भाषा में प्रश्न पत्र की मांग लंबे समय से की जा रही है. राज्य के शिक्षा विभाग ने राज्य के हिंदीभाषियों के लिए बहुत ही सकारात्मक निर्णय लिया है. इससे राज्य के हिंदीभाषियों का मनोबल भी बढेगा और प्रश्न पत्रों को समझने में लगने वाले समय में बचत होगी.

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