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मालदा : पटरी टूटी, बाल-बाल बची हाटे-बाजारे एक्सप्रेस
सामसी स्टेशन से 200 मीटर की दूरी पर घटी घटना चार घंटे मरम्मत के बाद ट्रेनों का परिचालन सामान्य मालदा. ऐन मौके पर रेलवे लाइन टूटी देखे जाने पर अप हाटे-बाजारे एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गयी. रविवार सुबह करीब पांच बजे यह घटना चांचल महकमा अंतर्गत सामसी रेलवे स्टेशन से 200 मीटर […]
सामसी स्टेशन से 200 मीटर की दूरी पर घटी घटना
चार घंटे मरम्मत के बाद ट्रेनों का परिचालन सामान्य
मालदा. ऐन मौके पर रेलवे लाइन टूटी देखे जाने पर अप हाटे-बाजारे एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गयी. रविवार सुबह करीब पांच बजे यह घटना चांचल महकमा अंतर्गत सामसी रेलवे स्टेशन से 200 मीटर की दूरी पर घटी.
जानकारी मिलते ही रेलवे के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे. इसके बाद क्षतिग्रस्त रेल पटरी की मरम्मत करायी गयी. इस कारण करीब चार घंटे तक ट्रेनों का आवागमन बाधित रहा. मालदा और आसपास के रेलवे स्टेशनों पर कई यात्री ट्रेनों और मालगाड़ियों को रोक दिया गया. हाटे-बाजारे एक्सप्रेस ट्रेन को सामसी स्टेशन पर रोक कर रखा गया. पटरी की मरम्मत के बाद ट्रेनों का आवागमन सामान्य हुआ.
एनएफ रेलवे सूत्रों के अनुसार, सुबह स्थानीय चरवाहों की नजर रेल पटरी की दरार पर पड़ी.
उन्होंने तुरंत इसकी सूचना स्टेशन के गैंगमैन को दी. फिर यह जानकारी आरपीएफ के सिक्यूरिटी कंट्रोल रूम व पीडब्ल्यूआइ (परमानेंट वे इंस्पेक्टर) कंट्रोल रूम को दी गयी. मौके पर रेलवे के उच्च अधिकारी पहुंचे. कोलकाता से आ रही पदातिक एक्सप्रेस को डाउन लाइन से न्यू जलपाईगुड़ी की ओर रवाना किया गया, जबकी कोलकाता से बिहार के सहरसा जानेवाली हाटे-बाजारे एक्सप्रेस को सामसी स्टेशन पर करीब एक घंटे तक रोके रखा गया. मालदा-कटिहार लोकल समेत कई ट्रेनों को मालदा टाउन स्टेशन व अन्य जगहों पर रोक दिया गया.
खबर मिलते ही हरकत में आया रेल प्रशासन
रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, पटरी में टूट की सूचना मिलने से पहले अप लाइन से होकर दार्जिलिंग मेल, कंचनकन्या सहित कई दूरगामी ट्रेनें जा चुकी थी. संयोग रहा कि कोई ट्रेन हादसे का शिकार नहीं हुई.
पटरी टूटने की सूचने मिलने के कुछ ही क्षणों बाद हाटे-बाजारे एक्सप्रेस गुजरनेवाली थी. इस बारे में सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन में खलबली मच गयी.
बताया गया है कि अप लाइन में करीब 14 इंच की टूट हुई थी. वहीं सामसी स्टेशन के मैनेजर बिमलेन्दु राय ने दावा किया है कि टूट केवल छह इंच थी. उन्होंने कहा कि जाड़े के दिनों में ऐसा होना अस्वाभाविक बात नहीं है. सुबह आठ बजे से रेलवे के इंजीनियरों और तकनीकी कर्मचारियों ने मरम्मत का काम शुरू कर दिया. करीब नौ बजे से ट्रेनों का आवागमन स्वाभाविक हुआ.
14 इंच पटरी का टूटना असामान्य घटना
जानकारों का कहना है कि भौतिक विज्ञान के नियमों के अनुसार जाड़े में धातु सिकुड़ती है, जबकि गर्मी में फैल जाती है. इससे थोड़ी-बहुत दरार स्वाभाविक मानी जा सकती है, लेकिन 14 इंच पटरी टूट जाना जाना असामान्य घटना है.
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