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कोयला मंत्रालय ने वेतन समझौते को दी मंजूरी
आदेश. कोयला श्रमिकों के वेतन भुगतान को लेकर चल रही दुविधा का समापन दसवें राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते को लेकर कोयला उद्योग में यूनियनों के बीच आरोप-प्रथ्यारोप जारी है. तीन यूनियनों के हस्ताक्षर तथा दो यूनियनों के विरोध के बाद श्रमिकों को लग रहा था कि सरकार इसे लटका न दे. लेकिन कोयला मंत्रलय ने […]
आदेश. कोयला श्रमिकों के वेतन भुगतान को लेकर चल रही दुविधा का समापन
दसवें राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते को लेकर कोयला उद्योग में यूनियनों के बीच आरोप-प्रथ्यारोप जारी है. तीन यूनियनों के हस्ताक्षर तथा दो यूनियनों के विरोध के बाद श्रमिकों को लग रहा था कि सरकार इसे लटका न दे. लेकिन कोयला मंत्रलय ने इसे मंजूरी देकर अक्तूबर माह से ही नये वेतन भुगतान का रास्ता प्रशस्त कर दिया.
आसनसोल. कोयला मंत्रलय ने गुरुवार को देश के साढ़े तीन लाख कोयला मजदूरों के दसवें राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता (एनसीडब्व्यूए-10) को मंजूरी दे दी. इसके पहले बीते शनिवार को दिल्ली में हुई कोल इंडिया लिमिटेड की बैठक में इसको मंजूरी दी गयी थी तथा इसे अंतिम मंजूरी के लिए कोयला मंत्रलय को अग्रसारित कर दिया था. कोयला मंत्रलय ने मंजूरी का आदेश जारी कर दिया.
यूनियनों के बीच गहरा है विवाद
सनद रहे कि दसवें राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते को लेकर यूनियनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है. आपसी गुटीय विवाद के कारण इंटक पहले से ही जेबीसीसीआई से अलग थी.
इधर चार केंद्रीय यूनियनों में से एचएमएस प्रतिनिधियों ने इसकी विसंगतियों की चर्चा करते हुए इस पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया. जबति एटक, बीएमएस तथा सीटू प्रतिनिधियों ने इस पर हस्ताक्षर किया. एचएमएस के समझौते से अलग होने के बाद इंटक ने मुखर होकर इसका विरोध करना शुरू कर दिया. विभिन्न स्तरों के आंदोलन के बाद उसने छह नवंबर से आठ नवंबर तक त्रिदिवसीय हड़ताल की घोषणा कर दी.
हालांकि बाद में मुख्य श्रमायुक्त से पत्रचार के बाद उसने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी. इधर एचएमएस ने अपना आंदोलन जारी रखा है. बीते एक नवंबर को यूनियन ने सभी कोयला कंपनियों के मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया. दूसरी ओर समझौते के पक्ष में इन तीन यूनियनों ने भी कोयला श्रमिकों के बीच सभी, बैठकों का अभियान शुरू किया है.
टकराव से बढ़ने लगी थी लटकने की आशंका
दो यूनियनों के विरोध तथा तीन यूनियनों के समर्थन के कारण कोयला श्रमिकों को लगने लगा था कि कहीं सरकार किसी न किसी बहाने इस समझौते को लटका न दे. इसको लेकर अटकलें लगायी जा रही थी.
हालांकि कोल इंडिया बोर्ड ने बीते शनिवार को अपनी बैठक में इसे मंजूरी देकर यह साफ कर दिया था कि सरकार इस समझौते को लागू करने के पक्ष में है. सीआइएल बोर्ढ ने इस पर काफी गंभीरता दिखायी थी. बोर्ड की बैठक के एजेंडा नंबर 14 पर यह मुद्दा था. लेकिन सीआइएल अध्यक्ष गोपाल सिंह की पहल पर इसे प्रमुखता देते हुए एक नंबर एजेंडा बनाया गया. चर्चा के बाद समझौता पर बोर्ड ने सहमति जताते हुए मंजूरी दे दी. मंजूरी के बाद इसे कोयला मंत्रलय को भेज दिया गया.
सभी कंपनियों ने पूरी कर ली है तैयारी
सरकार ने भी इसे प्रमुखता देते हुए इसे गुरुवार को मंजूरी दे दी. सीअइएल बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद ही सभी कोयला कंपनियों ने नये वेतनमान के भुगतान के लिए फिटमेंट चार्ट तैयार कर जोड़-घटाव करनाशुरू कर दिया था. उन्हेंइसकी सूचना पहले से ही थी कि भले ही सरकार कीमंजूरीमें एक-दो दिन की देरी हो, लेकिन अ:तूबर माह से ही बढ़ा हुअ वेतन मिलेगा. कोयला कंपनियों ने यह कार्य युद्ध स्तर पर किया. कोल इंडिया के सभी अनुषंगी इकाइयों में नये वेतनमान का फिटमेंट चार्ट के आधार पर भुगतान की तैयारी पूरी कर ली गयी है.
ईसीएल के एक दो एरिया में थोड़ी बहुत हो रही परेशानी को देखते हुए कोल इंडिया प्रबंधन ने मैन पॉवर ब्यौरा मुहैया कराया. एक आकलन के अनुसार नये वेतन समझौते को एक जुलाई, 2016 से लागू होना है. इस कारण कोयला श्रमिकों को एरियर मद में कम से कम 70 हजार रूपये से लेकर डेढ़ लाख रूपये तक का एरियर भुगतान होगा. समझौते के समय एरियर मद से 40 हजार रूपये की पहली किश्त देने पर सहमति बनी थी. लेकिन बाद में कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने इसमें 11 हजार रूपये की वृद्धि कर इसे 51 हजार रूपये कर दिया था. यानी दुर्गापूजा के समय ही सभी श्रमिकों को एरियर मद में 51 हजार रूपये का भुगतान हो चुका है. अक्तूबर माह का वेतन नये वेतन समझौते के अनुरूप मिलेगा.
आसनसोल. कोल इंडिया में एनसीडब्ल्यूए-10 और बंगाल प्लेटफार्म मॉस ऑर्गेनाईजेसन (बीपीएमओ) की पदयात्रा के मुद्दे पर कोलियरी मजदूर सभा (एटक) की भूमिका को लेकर यूनियन कार्यकारिणी कमेटी की बैठक गुरु वार को यूनियन मुख्यालय में हुई. अध्यक्षता शांतिगोपाल मुखर्जी ने की.
महासचिव सह पूर्व सांसद आरसी सिंह, उपाध्यक्ष कल्याण बनर्जी, विजय मंडल, जानकी साव, रामाश्रय यादव, सांगठनिक सचिव शैलेन्द्र सिंह, गुरु दास चक्र बर्ती, सचिव जोगिन्दर प्रसाद, सिनचन बनर्जी, गोविंद राउत, कृपाशंकर प्रसाद, कोषाध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह, कार्यकारिणी सदस्य गणोश सिंह, इिम्तयाज अंसारी, राजेश सिंह, श्यामल चौधरी, दिनेश कुमार, देबाशीष गांगुली, ओमप्रकाश तिवारी, पी चक्र बर्ती, इंद्रजीत राजभर, शनीचर तुरी, आदरनाथ हरजिन, राजू राम, रमाकांत हरिजन आदि उपस्थित थे. महासचिव सह पूर्व सांसद श्री सिंह ने कहा कि एनसीडब्ल्यूए- दस समझौता को गुरु वार को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गयी. जिसे लेकर कार्यकारिणी बैठक में विश्लेषण किया गया. उन्होंने बताया कि इस समझौता से श्रमिकों का वेतन डेढ़ गुना से अधिक बढ़ा है. इस बात को कुछ श्रमिक संगठन गलत रूप से पेश कर रहे है. वेतन समझौता में श्रमिकों को होनेवाले लाभ की विस्तृत जानकारी दी गयी.
इस जानकारी को हरेक कोलियरी और एरिया स्तर पर मीटिंग करके श्रमिकों से साझा करें. श्रमिकों के बीच कोई भ्रम की स्थिति न रहे. इस माह से नये वेतन समझौता के तहत श्रमिकों को वेतन मिलना आरंभ हो जायेगा. उनकी हर समस्या का निश्वार्थ रूप से समाधान करें. तृणमूल के राज में आतंक का माहौल जरूर बना है. लेकिन आतंक से मुकाबला करके ही संगठन ने अपना यह मुकाम बनाया है । आतंक के माहौल में ही नेताओं का निखार आता है. इसलिए आतंक से नहीं डर कर इस परिस्तिथि में भी खुद को वुलन्दी से स्थापित करें. उन्होंने बताया कि बीपीएमओ के कर्मसूची में संगठन की भूमिका पर समीक्षा की गयी.
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