रात को सोने के बाद घर में घुसा पानी, सुबह कई सामान हो गये थे गायब
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हर बारिश में करोड़ों का नुकसान झेलने को विवश हैं आरके डंगाल निवासी
रात को सोने के बाद घर में घुसा पानी, सुबह कई सामान हो गये थे गायब रूपकथा सिनेमाहॉल में आश्रय लेने की होती है कई परिवारों की विवशता आसनसोल : बरसात के दौरान गारूई नदी के जल स्तर बढ़ने से आसनसोल नगर निगम इलाके में खास कर रेलपार इलाके के निवासियों को करोड़ों की संपत्ति […]
रूपकथा सिनेमाहॉल में आश्रय लेने की होती है कई परिवारों की विवशता
आसनसोल : बरसात के दौरान गारूई नदी के जल स्तर बढ़ने से आसनसोल नगर निगम इलाके में खास कर रेलपार इलाके के निवासियों को करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा. अधिसंख्य निवासियों को अंदाजा ही नहीं था कि स्थिति इतनी विकट होगी. वे आनेवाले समय की समस्याओं को लेकर चिंतित है. वे चाहते हैं कि इस समस्या का स्थायी समाधान हो. रामकिशन डंगाल निवासी लखा सिंह ने कहा कि उन्होंने सपने में भी सोचा नहीं था कि यहां हर साल बाढ़ के हालात होंगे. बारिश में गारूई नदी का पानी भर जाता है. लोग घरों को छोड़ कर भागने को विवश होते हैं. इस बारिश में उन्होंने घर छोड़ कर रूपकथा सिनेमा हॉल में आश्रय लिया.
घर का सारा सामान पानी में डूब गया. दस हजार रूपये से अधिक की संपत्ति नष्ट हो गयी. घर में पानी प्रवेश करने से सामान, राशन, कपड़े की क्षति होती है. पार्षद दीपक साव से मुआवजे की बात कही. कोईमदद नहीं मिली. नगर निगम प्रशासन व राज्य सरकार इस संकट से निजात दिलाये. रामकिशन डंगाल निवासी शारदा कौर ने कहा कि यदि वे जानती कि बाढ़ से जूझना पड़ेगा तो कहीं और घर लेतीं. बारिश में उनके घर में भी पानी प्रवेश कर जाता है. यह हर साल की समस्या है. इस बार टीवी, पलंग, कुर्सियां, बिस्तर, गद्दे डूब गये. अधिकांश सामान बर्बाद हो गये. करीब दसियों हजार का नुकसान हुआ. बच्चों और परिजनों के साथ रूपकथा सिनेमा हॉल में आश्रय लिया. उन्होंने कहा कि आश्वासन हमेशा मिलता है लेकिन मुआवजा कभी नहीं मिलता. गारूई नदी के पानी को डंगाल में आने से रोकना चाहिए. इसके लिए सभी को सरकार से मांग करनी चाहिए.
राम किशन डंगाल पंजाबी मोहल्ला निवासी राजा सिंह ने कहा कि कभी सोचा नहीं था कि यहां ऐसे हालात होंगे. बारिश में घर में पानी घुसा और कपड़े, गद्दा, पलंग पानी से नष्ट हो गये. मुआवजे के बारे में कभी किसी से बात नहीं की और रामकिशन डंगाल में किसी को मुआवजा मिला भी नहीं है. रूपकथा हॉल में आश्रय लेने वालों को सिर्फ उस दिन चाय, नाश्ता और खाने को मिलता है. उन्होंने कहा कि गारूई नदी के किनारे काफी लोग सरकारी जमीन पर कब्जा कर घर बना लिये हैं. जिस वजह से गारूई नदी का पानी बह नहीं पाता और वह पानी घरों में आ जाता है. सरकार को नदी की सफाई करानी चाहिए. नदी किनारे रहने वाले लोग घरों का कूडा कर्कट और अनुपयोगी सामान फेंकते रहते हैं. जिस कारण नदी की तली भर चुकी है.
रामकिशन डंगाल पंजाबी मोहल्ला के निकट रहने वाले अजरुन सिंह ने कहा कि बारिश में हर बार गारूई नदी के पानी के घर में प्रवेश करने से भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इस बार के बारिश में सबसे ज्यादा नुकसान उन्हें और उनके परिवार वालों को उठाना पडा. घर में रखा गद्दा, पलंग, फर्निचर, सोफा, इलेक्ट्रोनिक सामान, कई सोने के गहने जेवर सब बह गये. डेढ़ से दो लाख रूपये का नुकसान हो गया. देर रात को बारिश आरंभ हुई. घर के सभी सदस्य सो रहे थे. सुबह उठाया तो देखा घर में कमर तक पानी भरा था. घर के बर्तन, सामान पानी में बह रहे थे. कई सामान घर से नदारद थे. उन्होंने कहा कि गारूई नदी के किनारे रेलपार में सैकडों अवैध घर और दुकान बन गये हैं. गारूई नदी की सफाई भी सालों से नहीं हुई है. सफाई न होने के कारण नदी में बहने वाला पानी नदी के सामने रहने वाले मोहल्लों में प्रवेश कर जाता है. रामकिशन डंगाल निवासी भोलू तांती ने कहा कि हर बार बारिश में यही हाल होता है. इस बार बारिश में काफी पानी चला गया परंतु अधिकांश सामान उपर के घर में रहने के कारण कोई विशेष नुकसान नहीं हुआ. मुआवजे को लेकर नेताओं और पार्षद दीपक साव को कहा परंतु घटना के कुछ दिन बीतने के बाद सभी चुप हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि गारूई नदी के आस पास के इलाकों को खाली कराना होगा ताकि नदी का प्रवाह होता रहे. नदी की समय समय पर सफाई किये जाने की जरूरत है. ताकि नदी के निचले तलहटी में जमा कचरा साफ हो सके और नदी स्वतंत्र रूप से बह सके.
रामकिशन डंगाल पंजाबी मोहल्ला निवासी गुरत्याम सिंह ने कहा कि उनके घर में बाउंड्री होने से पानी प्रवेश नहीं कर पाया. डंगाल में गारूई नदी का पानी आ जाने से पंजाबी मोहल्ला के निकट के पुल पर आवागमन पूरी तरह बाधित रहा. लोगों को आने जाने में परेशानी हुई. उन्होने कहा कि बार बार की परेशानी से मुक्ति चाहिए. गारूई नदी की नियमित सफाई किये जाने से समस्या का हल होने की बात कही. उन्होंने कहा गारूई नदी में आस पास के कचडा के इकटठा होने से नदी का पानी बह नहीं पाता जो राम किशन डंगाल और आसपास के आवासों में चला जाता है. नदी की सफाई होने से नदी में बढ़ने वाला अतिरिक्त पानी बह सकेगा और लोग परेशानी से बच सकेंगे.
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