केंदा, एसपी माइंस क्षेत्र के क्षेत्रीय महाप्रबंधकों के साथ की गयी समीक्षा
हर माह तीन नये प्रोजेक्टों को अंतिम रूप देने का अभियान चल रहा निरंतर
सांकतोड़िया : ईस्टर्न कोलफिल्ड लिमिटेड (ईसीएल) में दो नये प्रोजेक्ट खोलने के मुद्दे पर केंदा एरिया एवं एसपी माइंस के अधिकारियों के साथ कंपनी के तकनीकी निदेशक (योजना व परियोजना) अजय कुमार सिंह ने कंपनी मुख्यालय में बैठक की. इसमें तकनीकी निदेशक (संचालन) बीएन शुक्ला, वित्त निदेशक एएम मराठे, महाप्रवंधक (प्लानिंग) आरएन सोम, एसपी माइंस क्षेत्रीय महाप्रवन्धक पीके सिंह, केंदा एरिया के उपमहाप्रवंधक एमके जोशी आदि मुख्य रूप से मौजूद थे.
तकनीकी निदेशक (योजना व परियोजना) श्री सिंह ने बताया कि कंपनी को सौ मिलियन टन वार्षिक उत्पादन वाली कंपनी बनना है. संभावनाएं काफी है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक महीने तीन नये प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है.
मुगमा एरिया में चार सौ करोड़ से अधिक राशि का प्रोजेक्ट खोला जा रहा है. निरसा में 30 वर्ष तक चलनेवाले प्रोजेक्ट को मंजूरी बोर्ड ने दे दी है. इस प्रोजेक्ट में 28 मिलियन टन कोयले का भंडार है. हर साल दो मिलियन टन खनन करने की योजना तैयार की गयी है. इसकी निविदा जारी करने का आदेश कांट्रेक्ट मैनेजमेंट सेल को दिया जा चुका है.
जल्द ही प्रोजेक्ट चालू हो जायेगा. उन्होंने कबहा कि केंदा एरिया के सिदुली प्रोजेक्ट को एवं एसपी माइंस में चित्ना आरसीइ को खोला जायेगा. सिदुली में भूमिगत खदान है. इसको मिश्रित माइंस बनाना है. भूमिगत खदान से सालाना 1.2 मिलियन टन तथा खुली खदान से सालाना 1.66 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करना है. जबकि एसपी माइंस के आरसीइ से 2.5 मिलियन टन सालाना कोयला उत्पादन करने की योजना पर कार्य चल रहा है.
इन दोनों प्रोजेक्ट को शीघ्र ही निदेशक बोर्ड में ले जाया जायेगा. उन्होंने कहा कि सीआइएल की आरआर पॉलिसी के तहत प्रभाविक ग्रामीणों को मुआवजा मिलेगा. प्लानिंग विभाग ने परियोजना क्षेत्न में पड़नेवाली ज़मीन का अधिग्रहण कर उसके बदले आरआर पॉलिसी के तहत मुआवजा व नियोजन देने का प्रावधान रखा है.
तकनीकी निदेशक श्री सिंह ने कहा कि मुगमा एरिया के दोनों प्रोजेक्टों को आउटसोर्सिंग के जरिये चलाने का निर्णय लिया गया है.
निविदा में हाइ पावर कमेटी के तहत समझौता को लागू करने का दिशा निर्देश दिया गया है. सीएमपीडीआइएल को प्लानिंग रिपोर्ट में मुगमा एरिया के दोनों प्रोजेक्ट का प्रस्ताव जाना था. लखीमाता तथा निरसा प्रोजेक्ट शामिल हैं. लखीमाता का प्रोजेक्ट रिपोर्ट जमा नहीं होने के कारण प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकी. प्लानिंग विभाग के अनुसार करीब 550 करोड़ की लागत से दोनों प्रोजेक्ट शुरु होंगे.
लखीमाता परियोजना चालू करने के लिए एक गांव को शिफ्ट किया जायेगा. परियोजना क्षेत्न में मांडमा गांव है. गांव के नीचे कोयले का बड़ा भंडार है. मालूम हो कि गांव के आसपास कई वार भू-धंसान भी हो चुका है. गैस रिसाव की घटना आम है. प्रवंधन ने कोयला खनन कर फिर से भराई करने की योजना तैयार की है.