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नोटा का उपयोग नहीं कर पायेंगे दुर्गापुर नगर निगम चुनाव में मतदाता
दुर्गापुर : दुर्गापुर नगर निगम के लिए होने वाले चुनाव में नोटा वाली इवीएम का उपयोग नहीं किया जायेगा. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिस इवीएम के जरिये मतदान कराया गया था. उसी इवीएम के द्वारा नगर निगम चुनाव में भी मतदान कराये जायेंगे. एम सीरीज वाले इस बहुमुखी खूबीवाली इवीएम की सहायता से दुर्गापुर नगर […]
दुर्गापुर : दुर्गापुर नगर निगम के लिए होने वाले चुनाव में नोटा वाली इवीएम का उपयोग नहीं किया जायेगा. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जिस इवीएम के जरिये मतदान कराया गया था. उसी इवीएम के द्वारा नगर निगम चुनाव में भी मतदान कराये जायेंगे. एम सीरीज वाले इस बहुमुखी खूबीवाली इवीएम की सहायता से दुर्गापुर नगर निगम सहित राज्य के अन्य सात नगर निगम व नगरपालिका में चुनाव होंगे.
राज्य चुनाव आयोग सूत्नों से मिली जानकारी के अनुसार इन इवीएम के बदले नोटा वाली इवीएम को लाने के लिए प्राय: साठ हजार इवीएम की जरु रत होगी. जिसके लिए दस हजार करोड़ रु पये खर्च करने होंगे. इसी बीच मतदान के लिए इन इवीएम के इस्तेमाल तथा अन्य कार्यो के लिए चुनाव कर्मियों का प्रशिक्षण प्रारंभ हो चुका है. इस मशीनों का उपयोग राज्य चुनाव आयोग द्वारा कराये जाने वाले किसी भी चुनाव में इसका उपयोग किया जाता है. बताया जाता है कि इन इवीएम में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें एक विशेष प्रकार का चिप लगा रहता है जो मशीन के खराब होने पर दुसरे मशीन में लगाया जा सकता है. इसमें डाटा हटने की गुंजाइश नहीं रहती है. जिससे चुनाव में बिना किसी रूकावट के मतदान का कार्य संपन्न होने में सहयता मिलती है. परंतु सुप्रीम कोर्ट द्वारा किसी भी चुनाव में उपयोग होने वाले ईवीएम में नोटा का बटन अनिवार्य कर दिया गया है.
इसके बाबजूद राज्य चुनाव आयोग बिना नोटा बटन वाली मशीन से चुनाव कराने जा रहा है. दुर्गापुर नगर निगम चुनाव में 982 इवीएम का उपयोग किया जायेगा तथा इतने ही संख्या में इवीएम आपात स्थिति के लिए रखी गयी हैं. जिससे मतदान में किसी भी प्रकार की रूकावट नहीं हो. परन्तु इवीएम में नोटा रहने या नहीं रहने को राजनितिक पार्टी द्वारा उतना महत्व नहीं दिया जा रहा है.
शिल्पांचल तृणमूल के जिला अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने कहा कि मतदाता जब पार्टी के साथ है तो नोटा की कोई जरु रत नही है. माकपा जिला कमिटी के सदस्य पंकज राय सरकार ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों की लोकप्रियता कम रही है.
यह सोचना गलत है. सभी पार्टियों की अपनी लोकप्रियता है. वही मतदाताओं का कहना है कि बीते कई चुनावो में देखा गया है कि राजनितिक पार्टियों की लोकप्रियता कम रही है. जिसके कारण पिछले कई चुनावो में नोटा वाले बटन का मतदाताओं ने खुल कर उपयोग किया है.
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