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अवैध फेरीघाट से नाव के सहारे आना-जाना करते हैं हजारों ग्रामीण
कांकसा में अजय नदी पर पुल नहीं, परेशानी एक नाव पर 50 से अधिक ग्रामीणों के सवार होने से डूबने की आशंका पानागढ़. पश्चिम बर्दवान जिले के कांकसा तथा विरभूम जिले को जोड़ती अजय नदी पर वर्षों से विदविहार अंचल के ग्रामीण पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन इस दिशा में कोई पहल […]
कांकसा में अजय नदी पर पुल नहीं, परेशानी
एक नाव पर 50 से अधिक ग्रामीणों के सवार होने से डूबने की आशंका
पानागढ़. पश्चिम बर्दवान जिले के कांकसा तथा विरभूम जिले को जोड़ती अजय नदी पर वर्षों से विदविहार अंचल के ग्रामीण पुल बनाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं हुयी है. स्वयं मुख्यमंत्नी ममता बनर्जी ने भी अजय नदी पर पुल बनाने के संबंध में प्रशासन को निर्देश दिया था. इस कारण उफनती अजय नदी पर अवैध फेरी घाट के नाव से स्थानीय हजारों ग्रामीण नदी के इस पार-उस पार आना-जाना करते हैं.
ग्रामीणों के अनुसार नाव पर स्कूली बच्चों के साथ ही कृषक, नौकरी पेशा लोग तथा महिलाएं आना जाना करती है.नाव पर ही बाइक, साइकिल भी लदी रहती है. नियमों की अवहेलना कर ग्रामीण आना-जाना कर रहे है. हाल ही में पूर्व बर्दवान जिले के कालना में फेरीघाट के दौरान घटी दुर्घटना में कई ग्रामीणों की मौत हो गयी थी. इसके बाद भी स्थानीय प्रशासन इस दिशा में कोई पहल नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि एक समय में एक नाव पर 50 से ज्यादा ग्रामीण नदी पार करते हैं.
बिदविहार के तृणमूल नेता गिरिधारी सिन्हा ने बताया कि पुल नहीं होने के कारण दोनों जिलो के स्थानीय ग्रामीण जान जोखिम में डाल कर नाव से आना-जाना करते है. पांच हजार लोग प्रतिदिन दोनों जिलों में आना जाना कर रहे हैं. कांकसा के प्रखंड विकास अधिकारी अरविंद विश्वास ने कहा कि जानकारी मिली है. इस मामले को लेकर अविलंब कार्यवाही की जायेगी.
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