कोलकाता: मध्यमग्राम सामूहिक दुष्कर्म कांड में राज्य सरकार द्वारा पेश किये गये हलफनामे पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने सवाल उठाया है. हाइकोर्ट के न्यायाधीश दीपंकर दत्त ने राज्य सरकार को संशोधनी हलफनामा देने का निर्देश दिया है.
सरकार की ओर से चार हलफनामे हाइकोर्ट में जमा किये गये थे. इनमें दो थाना प्रभारियों के, एक संयुक्त सचिव (गृह) तथा विधाननगर कमिश्नरेट के एक अधिकारी शामिल हैं.
आवेदनकारी के वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने सवाल खड़ा किया कि हलफनामा देने वाले व्यक्तियों ने खुद का विश्वास व बयान इसमें पेश किया है, लेकिन मूल घटना का संदर्भ इसमें नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि पीड़िता की मौत के बाद उसके शव के अंतिम संस्कार के लिए दो थानों ने जो काम किया था उसके पीछे केवल थाना प्रभारी या आइसी ही नहीं हैं. इसके पीछे कोई और ताकत है. मामले की जांच कर रही एसआइटी को इस पक्ष की भी जांच करनी चाहिए. मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी.