वह देगंगा के बेड़चापा के देवालय इलाके की रहनेवाली है. बताया जाता है कि मृणाल घोष ने अपने रिश्तेदार वृद्धा गौरी रानी से कुछ माह पहले 35 लाख रुपये सूद पर कर्ज लिये थे. वृद्धा के पास 70 भरी सोने का गहना भी मौजूद था. कुछ महीना बीतने के बाद मृणाल घोष के रुपये और सोने के गहने हड़पने के लिए वृद्धा की हत्या करने की योजना बना डाली. योजना के तहत सात मार्च को वृद्धा को एक परिचित के घर ले जाने के नाम कर एक मारुति कार किराये पर लिया गया. मारुति कार में मृणाल घोष के साथ उसका साथी सनातन कर्मकार और मारुति चालक मौजूद था.
रास्ते में योजना के तहत गाड़ी में ही वृद्धा की गला घोंट कर हत्या कर दी गयी. इसके बाद उसके शव को एक बस्ते में भर कर विद्याधारी नदी के खाल में फेंक दिया गया. आठ मार्च को खाल से लापता वृद्धा का शव बरामद किया गया. पुलिस ने जांच के बाद मंगलवार रात सनातन कर्मकार को गिरफ्तार किया. पुलिस के समक्ष पूछताछ के दौरान उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. पुलिस घटना के मुख्य आरोपी मृणाल घोष की तलाश कर रही है. इसके साथ पुलिस ने हत्याकांड के दौरान उपयोग की गयी, मारुति कार और उसके चालक भी तलाश कर रही है.