13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विचाराधीन कैदी ने लगायी फांसी

कोलकाता: अलीपुर प्रेसिडेंसी जेल में बुधवार सुबह एक विचाराधीन कैदी ने वाच टावर से फंदा लगा कर खुदकुशी कर ली. वह अदालत में बार-बार पेशी के बावजूद कोई फैसला नहीं मिलने से हताश था. मृतक का नाम मनोरंजन विश्वकर्मा (23) है. उसे पांच महीने पहले ड्रग्स के एक मामले में अलीपुर प्रेसिडेंसी जेल में लाया […]

कोलकाता: अलीपुर प्रेसिडेंसी जेल में बुधवार सुबह एक विचाराधीन कैदी ने वाच टावर से फंदा लगा कर खुदकुशी कर ली. वह अदालत में बार-बार पेशी के बावजूद कोई फैसला नहीं मिलने से हताश था. मृतक का नाम मनोरंजन विश्वकर्मा (23) है. उसे पांच महीने पहले ड्रग्स के एक मामले में अलीपुर प्रेसिडेंसी जेल में लाया गया था. वहीं अपने साथी की मौत को लेकर अलीपुर प्रेसिडेंसी जेल में विचाराधीन कैदियों में आक्रोश का माहौल व्याप्त हो गया. विरोध में कैदियों ने अदालत जाने का बहिष्कार किया.

जेल सूत्रों के मुताबिक जेल के अंदर कई बार उसने जमानत के लिए अदालत से आवेदन किया था, लेकिन उसे जमानत नहीं मिली. उसके बाद से वह तनावग्रस्त था.

सुबह में हेड काउंटिंग के बाद कर ली खुदकुशी
बुधवार सुबह प्रेसिडेंसी जेल के अंदर वाच टावर के पास सुबह हेड काउंटिंग के बाद उसने खुद को फंदे से लटका लिया. गंभीर हालत में उसे जेल अस्पताल ले जाया गया. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना की जानकारी हेस्टिंग्स थाने को दी गयी, जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

जेल सुरक्षा पर सवाल
जेल के अंदर बेधड़क कैदियों द्वारा जान देने की घटना के बाद अब जेल के अंदर कैदियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे है. किस तरह जेल के अंदर एक कैदी ने वाचटावर में चढ़ कर जान दे दी और किसी भी जेल कर्मी की नजर इस पर नहीं पड़ी. इसकी जांच का निर्देश भी दिया गया है.

अदालत जाने का बहिष्कार कर कैदियों ने जताया विरोध
जेल सूत्रों के मुताबिक बुधवार की घटना के बाद प्रेसिडेंसी जेल के अंदर कई कैदियों ने अदालत जाने का बहिष्कार किया. कैदियों का आरोप था कि वर्षो से न्याय मिलने की आस में अदालत जाने के बावजूद ना तो उन्हें उचित सजा सुनायी गयी, और ना ही उन्हें जमानत पर रिहा किया गया. लिहाजा सुनवाई के लिए अदालत जाने का कोई फायदा नहीं.

जेल प्रबंधन की मुश्किलें बढ़ीं
जेल सूत्रों के मुताबिक प्रेसिडेंसी जेल से बुधवार को कुल 110 विचाराधीन कैदियों को विभिन्न अदालतों में जाना था, लेकिन जेल में वरिष्ठ अधिकारियों के समझाने के बाद सिर्फ 18 को ही अदालत ले जाने में कामयाबी मिली. 92 कैदी अदालत जाने के बजाय अपने कक्ष में लौट गये.

भूख हड़ताल कर साथी की मौत का जताया शोक
जमानत नहीं मिलने के कारण अपने एक साथी के फांसी लगाने के गम में बुधवार को इंटक के प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष राकेश सिंह के नेतृत्व में जेल के अंदर अन्य कैदियों ने भूख हड़ताल शुरू किया. हालांकि इस घटना के बाद उन्हें जेल के अंदर सेल में ले जाकर बंद कर दिया गया. जेल सूत्रों के मुताबिक इसके बावजूद 573 कैदियों ने खाना नहीं खाया. सुबह का नास्ता से लेकर दोपहर व रात के खाने का भी जेल के कैदी व विचाराधीन कैदियों ने विरोध किया.

नये अधीक्षक समस्याओं को नहीं सुनते
कैदियों का आरोप था कि जेल के अंदर आने वाले नये अधीक्षक उनके किसी भी समस्या को नहीं सुनते थे. जिसके कारण जेल के अंदर अब कैदियों का रहना मुश्किल होता जा रहा है. इसके कारण विचाराधीन कैदी अब जमानत पर जेल से बाहर जाना चाह रहे हैं.

इन मामलों में किसी भी जेल के वरिष्ठ अधिकारी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उनका कहना है कि जेल के अंदर कैदियों को समझा बुझा कर स्वाभाविक कर लिया जायेगा. घटना दुर्भाग्यजनक है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें