कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष को शनिवार को हजारों करोड़ रुपये के सारधा घोटाले में गिरफ्तार कर लिया गया. दक्षिण बिधाननगर थाने की पुलिस ने उन्हें सारधा प्रमुख सुदीप्त सेन और अन्य के साथ घोटाले की साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी से पहले कुणाल ने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि इस घोटाले में राज्य सत्ता से जुड़े कई बड़े नाम शामिल हैं और इसी वजह से उन्हें ऐसा लग रहा है कि उनकी हत्या हो सकती है. कारण पूछने पर कुणाल ने बताया मीडिया हाउस में कुछ सौ करोड़ रुपये लगे थे लेकिन कई राजनेताओं ने लगभग हजार करोड़ रुपये की सारधा की संपत्ति को अपने कब्जे में कर रखा है. उनके नाम सामने न आ सके, इसके लिए राज्य पुलिस का इस्तेमाल किया जा रहा है.
गौरतलब है कि कुणाल घोष कई दिनों से अपनी गिरफ्तारी की आशंका जता रहे थे. शुक्रवार को घोष ने कहा था कि वह शनिवार को सारधा मामले में तृणमूल कांग्रेस से जुड़े कई लोगों का पुलिस के सामने भंडाफोड़ करेंगे. कुणाल शनिवार को बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के खुफिया विभाग के प्रमुख के खिलाफ गिरफ्तारी की धमकी देने की शिकायत करने थाने पहुंचे थे, तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. रविवार को उन्हें अदालत में पेश किया जायेगा. राज्यसभा सांसद घोष निवेशकों की गाढ़ी कमाई के करोड़ रुपये हड़प कर डूब चुकी चिटफंड कंपनी सारधा की मीडिया इकाई के प्रमुख रह चुके हैं.
बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट के खुफिया विभाग के प्रमुख अर्णब घोष ने कहा कि कुणाल की सारधा घोटाले की साजिश में सुदीप्त सेन के साथ बराबर की भागीदारी थी. शनिवार को दक्षिण बिधाननगर थाने में 10 वीं बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था, तभी उन्हें गिरफ्तार किया गया. दोपहर 1.45 बजे से काफी देर तक उन्हें थाने में ही बैठाये रखा गया. कुणाल घोष ने अर्णब घोष के खिलाफ थाने में एफआइआर भी दर्ज करायी कि उन्हें वह धमकी दे रहे हैं. रात करीब 7.30 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. खुफिया विभाग प्रमुख घोष ने बताया कि उनके खिलाफ जो शिकायत दर्ज करायी गयी है उसकी जांच होगी.
यदि वह दोषी हैं तो उन्हें सजा होगी अन्यथा आरोप लगाने वाले को सजा होगी. उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि कुणाल घोष सारधा समूह के मीडिया इकाई के सीइओ थे लेकिन उनके कार्य की परिधि इससे कहीं अधिक थी. कुणाल घोष के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 120 बी (साजिश रचने) लगायी गयी है.
पुलिस के मुताबिक, कुणाल के खिलाफ नये सुबूत मिलने के बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि कानून की सभी औपचारिकताओं को ध्यान में रखकर गिरफ्तारी की गयी है. जांच कार्य जारी होने का हवाला देते हुए अर्णब घोष ने नये सुबूतों का खुलासा तो नहीं किया लेकिन पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक फॉरेंसिक ऑडिट में कुणाल घोष की संलिप्तता की बात सामने आयी है.
इसके सुबूत मिल रहे हैं कि सारधा के चिटफंड व्यवसाय में आर्थिक लेनदेन में भी उनकी भागीदारी थी. उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को ही कुणाल घोष ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि वह शनिवार को गिरफ्तार हो सकते हैं. उन्होंने बिधाननगर कमिश्नरेट के खुफिया विभाग के प्रमुख अर्णब घोष पर आरोप लगाया कि वह उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दे रहे हैं. कुणाल घोष ने प्रधानमंत्री को मामले की सीबीआइ जांच कराने के लिए चिट्ठी लिखने की धमकी से लेकर मामले में अन्य बड़े नेताओं के शामिल होने का भी दावा किया था. इससे पहले वह इस मामले में एसआइएसओ, इनफोर्समेंट ब्रांच की पूछताछ का भी सामना कर चुके हैं.
क्या है सारधा घोटाला
बंगाल, झारखंड और असम समेत कई राज्यों के निवेशकों की गाढ़ी कमाई के हजारों करोड़ रुपये हजम कर चिटफंड कंपनी सारधा डूब चुकी है. इसके मालिक सुदीप्त सेन और कई अन्य आरोपी अभी जेल में हैं. भोले-भाले निवेशकों को ऊंची ब्याज दर का प्रलोभन देकर कंपनी ने पैसे जुटाये.
कुणाल के बयान की वीडियो रिकॉर्डिग चिदंबरम के पास!
हजारों करोड़ रुपये के सारधा घोटाले में दस दफे की पूछताछ के बाद बिधाननगर पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस के निलंबित सांसद कुणाल घोष को गिरफ्तार किया है. लंबे समय तक सांसद और जांच एजेंसियों में कशमकश चली है. कुणाल पूर्व में अपनी हत्या की आशंका जताने के साथ ही घोटाले को लेकर अपने बयान की वीडियो रिकॉर्डिग सुरक्षित रखने की बात कही थी. हाल में घोष केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम से मुलाकात की थी. संभावना जतायी जा रही है कि वह अपने बयान की वीडियो रिकॉर्डिग चिदंबरम को दे चुके हैं. कुणाल घोष ने पूर्व में यह भी कहा था कि उनकी गिरफ्तारी होती है तो वह तृणमूल के कई नेताओं को बेनकाब कर देंगे.
गौरतलब है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में तृणमूल कांग्रेस उन्हें पहले ही निलंबित कर चुकी है. गौरतलब है कि हजारों करोड़ रुपये के घोटाले में सारधा चीफ सुदीप्त सेन अभी जेल में बंद है.
अप्रैल में खुला था घोटाले का राज
सारधा मीडिया के कर्मचारियों ने वेतन बकाया होने के कारण सॉल्टलेक के इलेक्ट्रानिक्स थाने में दर्ज कराया मामला
16 अप्रैल को पहली बार सारधा के मालिक सुदीप्त सेन के खिलाफ दर्ज हुआ केस
घटना के बाद चिटफंड कंपनी के आर्थिक घोटाले का हुआ खुलासा
चिटफंड व्यवसाय से लोगों से जुटायी थी 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम
एफआइआर दर्ज कराने के तीन दिन बाद सुदीप्त सेन की हुई गिरफ्तारी
सारधा की मीडिया इकाई के सीइओ थे सांसद कुणाल घोष