कोलकाता: विधानसभा के अध्यक्ष विमान बनर्जी व सदन की अवमानना करने के आरोप में पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता अरुणाभ घोष को विधानसभा में जेल की सजा सुनायी गयी. विधानसभा के विशेषाधिकार हनन के आरोप में श्री घोष ने लगभग ढाई घंटे तक विधानसभा में हिरासत में रहे और सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद उन्हें मुक्त कर दिया गया.
श्री घोष ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने पर विचार करने की घोषणा की है. विधानसभा उपाध्यक्ष सोनाली गुहा की अध्यक्षता में गठित विशेषाधिकार हनन कमेटी ने अरुणाभ घोष को विशेषाधिकार हनन का दोषी करार दिया था. उसके मद्देनजर मंगलवार को संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने विधानसभा में श्री घोष पर विधानसभा की मर्यादा को हानि पहुंचाने के मद्देनजर सजा देने का प्रस्ताव पेश किया. श्री चटर्जी ने कहा कि अध्यक्ष की मर्यादा को चोट पहुंची है.
पूर्व विधायक व अन्य को विधानसभा की अवमानना नहीं करनी चाहिए थी. प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा बेल में बने कठघरे में अरुणाभ घोष को तलब किया और मार्शल को आदेश दिया कि सदन की कार्यवाही स्थगित होने तक वह श्री घोष को विधानसभा में हिरासत में रखें. हालांकि इस दौरान श्री घोष ने अपना पक्ष रखने की कोशिश की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी और मार्शल उन्हें विधानसभा से बाहर ले गये.