खड़गपुर: खड़गपुर नगरपालिका में पिछले करीब 10 महीने से जारी उथल-पुथल के बीच आखिरकार हाइकोर्ट के निर्देश पर अविश्वास प्रस्ताव पर सोमवार को वोटिंग हुई. वोटिंग में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को 14 वोटों के मुकाबले कांग्रेस ने 16 वोट पाकर पालिका बोर्ड पर अपना कब्जा जमा लिया. गौरतलब है कि करीब तीन वर्ष पहले हुए पालिका चुनाव में तृणमूल को 15, कांग्रेस 12, सीपीआइ 3, माकपा 3, भाजपा को 1 और एक सीट निर्दलीय प्रार्थी के खाते में गयी थी.
सबसे ज्यादा सीट पाने के कारण तृणमूल कांग्रेस ने तब कांग्रेस के सहयोग से पालिका में अपना बोर्ड बनाया था और जवाहर पाल चेयरमैन बनाये गये थे. लेकिन तृणमूल-कांग्रेस के रिश्ते में खटास आने के कारण 10 माह पहले कांग्रेस ने अपना समर्थन वापस लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाया था. लेकिन काफी खींचतान के बीच मामला हाइकोर्ट में चला गया. 10 माह पहले जवाहर पाल की जगह तुषार चौधरी को पालिका का कार्यकारी चेयरमैन बनाया गया. वहीं, हाल में हाइकोर्ट ने फिर से वोटिंग कराने का निर्देश दिया. जिसमें कांग्रेस ने बाजी मार ली.
कांग्रेस की जीत में माकपा के दो पाषर्दो की भूमिका भी अहम रही. दरअसल वोटिंग से पहले माकपा के दो पार्षद पार्टी छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गये. वहीं, इस जीत के बाद नवनियुक्त चेयरमैन रविशंकर पांडे ने कहा कि यह दलतंत्र की नहीं गणतंत्र की जीत है. उधर, जीत के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जम कर जश्न मनाया, जबकि तृणमूल कार्यकर्ताओं में उदासी दिखी.