जिसके कारण वे जेल में भूख हड़ताल पर थे. दो दिन पहले भी उनकी तबीयत बिगड़ी थी. जिसके बाद एसएसकेएम अस्पताल के डॉक्टर को बुलाकर जेल के अंदर उनका उपचार किये जाने की कोशिश की जा रही थी. उस समय भी वे इलाज कराने से मना कर रहे थे.
जिसके कारण शुक्रवार को उनकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गयी और जेल अस्पताल में फिर से भर्ती किया गया है. कुणाल घोष का आरोप है कि जेल के अंदर उनके स्वत: घूमने पर पाबंदी लगायी गयी है, जबकि दोषी लोग आराम से बाहर घूम रहे है. इसके गुस्से के कारण हीं उन्होंने जेल के अंदर अस्पताल में भर्ती किया गया है.