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एशिया का राजनीतिक प्रभाव बढ़ेगा
कोलकाता : महानगर के दौरे पर आये उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का मानना है कि एशिया का राजनीतिक प्रभाव क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर बढ़ेगा और वह फिर से अपनी पुरानी प्रभावशाली आर्थिक स्थिति को हासिल कर लेगा. कलकत्ता विश्वविद्यालय के विदेश नीति अध्ययन संस्थान द्वारा आयोजित संगोष्ठी में यूरोप और उभरते एशिया के संबंध में […]
कोलकाता : महानगर के दौरे पर आये उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का मानना है कि एशिया का राजनीतिक प्रभाव क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर बढ़ेगा और वह फिर से अपनी पुरानी प्रभावशाली आर्थिक स्थिति को हासिल कर लेगा. कलकत्ता विश्वविद्यालय के विदेश नीति अध्ययन संस्थान द्वारा आयोजित संगोष्ठी में यूरोप और उभरते एशिया के संबंध में श्री अंसारी ने कहा कि 19वीं सदी यूरोप की सदी थी और 20वीं सदी अमेरिका की सदी थी. कुछ का मानना है कि 21वीं सदी एशिया की सदी होगी.
श्री अंसारी ने एशियाई विकास बैंक (एडीबी ) के अध्ययन का जिक्र करते हुए कहा कि यदि एशिया की मौजूदा आर्थिक वृद्धि दर जारी रही तो वर्ष 2050 तक वैश्विक उत्पादन, व्यापार और निवेश में इसका करीब आधा योगदान होगा. अध्ययन में कहा गया है कि मध्य सदी तक एशिया प्रति व्यक्ति आय उतनी ही होगी जितनी आज यूरोपीय नागरिकों की है और आज के मानक के आधार पर करीब तीन अरब लोग अमीर होंगे.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि एशिया को उच्च वृद्धि दर बरकरार रखने, बढ़ती असमानता को कम करने, धरती का तापमान बढ़ने एवं जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरण को होने वाले नुकसान से निपटने, उर्जा, जल, उपजाऊ जमीन जैसे प्राकृतिक संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि यदि इन समस्यों से निपटने की कोशिश नहीं की जाती है तो इसका असर एक दूसरे पर पड़ सकता है और तनाव, अशांति एवं संघर्ष बढ़ा सकता है. इससे क्षेत्र की वृद्धि, स्थायित्व और सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है.
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