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चिटफंड कंपनी गायब
एजेंटों व निवेशकों के आठ करोड़ डकारे सिलीगुड़ी : हजारों एजेंटों एवं निवेशकों के करीब आठ करोड़ रुपये डकार कर सिलीगुड़ी से एक और चिटफंड कंपनी के गायब होने की खबर है. पिछले एक महीने से कंपनी के बर्दमान रोड स्थित कार्यालय में ताला लगा हुआ है और कंपनी के तीनों निदेशक खुलेआम घूम रहे […]
एजेंटों व निवेशकों के आठ करोड़ डकारे
सिलीगुड़ी : हजारों एजेंटों एवं निवेशकों के करीब आठ करोड़ रुपये डकार कर सिलीगुड़ी से एक और चिटफंड कंपनी के गायब होने की खबर है. पिछले एक महीने से कंपनी के बर्दमान रोड स्थित कार्यालय में ताला लगा हुआ है और कंपनी के तीनों निदेशक खुलेआम घूम रहे हैं. यह आरोप चिटफंड कंपनी के निवेशकों एवं एजेंटों ने लगाया है. सिलीगुड़ी जर्नलिस्ट क्लब में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान एजेंटों एवं निवेशकों ने बताया कि सुरक्षा फारमिंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड नामक कंपनी ने वर्ष 2010 में बर्दमान रोड में एक कार्यालय बनाकर अपने कारोबार की शुरूआत की.
उसके बाद से इस कंपनी से करीब चार से पांच हजार एजेंट जुड़े और अपने तथा निवेशकों से आठ से नौ करोड़ रुपये जमा करवाया. इस कंपनी की एक निवेशक और एजेंट मल्लिका सरकार ने बताया है कि उन्होंने खुद के तथा अपने खाताधारकों के 16 लाख रुपये कंपनी में जमा कराये हैं. सारधा घोटाला मामला सामने आने के बाद उन्होंने इस कंपनी से अपनी दूरी बना ली, लेकिन कंपनी ने उन्हें मैच्यूरिटी के भुगतान नहीं करने की धमकी देकर कंपनी के साथ जुड़े रहने के लिए ब्लैकमेलिंग की. करीब एक साल तक वह लगातार पैसे वापसी के लिए कंपनी के कार्यालय का चक्कर काटती रही, लेकिन पैसे का भुगतान नहीं हुआ. ऐसी ही स्थिति कई अन्य एजेंटों की भी है.
भक्तिनगर की रहने वाली अर्चना सिंह ने बताया कि उन्होंने भी साढ़े तीन लाख रुपये सुरक्षा फारमिंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड में जमा कराये थे. उनका भी यह पैसा डूब गया है. ऐसे ही कई अन्य एजेंटों एवं निवेशकों ने संवाददाताओं को अपनी आपबीती बतायी. इन लोगों का कहना था कि एजेंटों एवं निवेशकों के आठ करोड़ रुपये डकार कर कंपनी के तीनों निदेशक एनजेपी के रहने वाले बम शंकर महाराज, बाड़ीभाषा के रहने वाले निखिल चक्रवर्ती तथा साहूडांगी के रहने वाले अमरदीप भगत खुलेआम घूम रहे हैं.
निवेशकों एवं एजेंटों के पैसे से इन लोगों ने आलीशान घर बनाये हैं और कई स्थानों पर जमीन की खरीद भी की है. लेकिन एजेंटों एवं निवेशकों को पैसे देने में आनाकानी कर रहे हैं. इस कंपनी के एजेंटों एवं निवेशकों की ओर से मुकदमा लड़ रहे सिलीगुड़ी कोर्ट के वकील राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि कंपनी के तीनों निदेशक निवेशकों के करोड़ों रुपये हजम कर गये हैं. पैसा लौटाने की उनकी कोई मंशा नहीं है. इस मामले में पुलिस में भी शिकायत दर्ज करायी गयी है, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ.
वर्ष 2013 में हुई थी गिरफ्तारी, पर छूट गये
उन्होंने बताया कि कंपनी के तीनों निदेशकों के विरुद्ध वर्ष 2013 के नवंबर में सिलीगुड़ी थाने में एक मामला दर्ज कराया गया था. केस नंबर 221/2013 के तहत उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद ही वह लोग जमानत पर रिहा हो गये थे. उनके अपने ही एक एजेंट विचित्र मंडल ने मामला दर्ज कराया था. उन्होंने इस मामले में पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि कमजोर धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के कारण आरोपियों को तत्काल जमानत मिल गयी. शर्मा ने आगे कहा कि दरअसल कंपनी के तीनों निदेशकों ने निवेशकों के करोड़ों रुपये डकारने के मकसद से ही केस दर्ज कराया था.
अब यह लोग उसी केस का हवाला देकर निवेशकों का पैसा लौटाने से इनकार कर रहे हैं. शर्मा ने बताया कि कंपनी के अन्य निवेशक एवं एजेंट सिलीगुड़ी थाने में मामला दर्ज कराने जा रहे हैं, लेकिन पुलिस मामला दर्ज नहीं कर रही है. कल 12 तारीख को भी कई निवेशक सिलीगुड़ी थाने में मामला दर्ज कराने गये, लेकिन पुलिस ने जीडी लेकर इन लोगों को थाने से लौटा दिया. उन्होंने कहा कि अगर पुलिस उचित कार्रवाई नहीं करती है, तो कंपनी के तीनों निदेशकों के खिलाफ सिलीगुड़ी थाने में मामला दर्ज किया जायेगा.
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