कोलकाता: सांसद तॉपस पाल के विवादित बयान के बाद अब विधायक व तृणमूल के चिकित्सक संगठन प्रोग्रेसिव डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ निर्मल मांझी के बयान से फिर विवाद पैदा हो गया है. प्रोग्रेसिव डॉक्टर एसोसिएशन की सभा में डॉ मांझी ने कहा कि पुतला की जगह जिंदा पुतला जलाये.
जिंदा पुतला जलाये जाने के संबंध में पूछे जाने पर डॉ मांझी ने कहा कि उत्तर बंग मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ अधिकारी अनूप राय व दाजिर्लिंग के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी सुबीर भौमिक सप्ताह में दो दिन से ज्यादा काम नहीं करते थे. उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के बाद उत्तर बंगाल प्रशासन के पुतले जलाये गये. इस बार आम लोग इन डॉक्टरों के जिंदा पुतला जलायेंगे. उनका यह बयान आम लोगों को कानून हाथ में लेने के लिए प्रेरित करेगा तथा उन्हें बढ़ावा मिलेगा, यह पूछे जाने पर डॉ मांझी ने कहा कि सेवा नहीं मिलने पर आम लोग क्या करेंगे? लोगों को इसके खिलाफ खड़ा होना ही होगा.
इस तरह से चलने पर रास्ते पर खड़ा कर उनके कपड़े आम लोग खोल देंगे. उल्लेखनीय है कि उत्तर बंगाल में इंसेफलाइटिस के प्रकोप के बाद स्वास्थ्य विभाग ने उत्तर बंगाल के चार स्वास्थ्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था. इससे उत्तर बंगाल के चिकित्सकों में असंतोष पैदा हुआ था.
माकपा समर्थित डॉक्टरों के संगठनों के खिलाफ जानबूझ कर कार्रवाई की जा रही है. इस आरोप के तहत 12 अगस्त को एनआरएस मेडिकल कॉलेज में माकपा समर्थित डॉक्टरों के संगठन एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स ने एक सभा की थी तथा डॉक्टरों का निलंबन तत्काल वापस लेने की मांग की थी. उन लोगों की मांग थी कि यदि सरकार मांग नहीं मानती है, तो वे लोग आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. इस सभा में लगभग 70 डॉक्टर उपस्थित थे,हालांकि इस आंदोलन को राज्य सरकार ने महत्व देने से इनकार कर दिया था. डॉ निर्मल मांझी के वक्तव्य के समय मंच पर अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के महासचिव मुकुल राय भी उपस्थित थे. डॉ मांझी के बयान के संबंध में पूछे जाने पर श्री राय ने कहा कि इस तरह की बातें उन्हें सुनाई नहीं पड़ी. प्रशासन चलाने के लिए कुछ न कुछ निर्णय लेना होता है. निर्णय कुछ लोगों को पसंद भी हो सकता है और नहीं भी.