कोलकाता: बंगाल की खाड़ी में रविवार शाम आये तूफान के बाद लापता हुई मछली पकड़नेवाली सभी 40 नौकाओं (ट्रॉलर ) का पता चल गया, पर अभी भी सात मछुआरे अब भी लापता हैं.
मत्स्य विभाग के सहायक निदेशक किरण लाल दास ने बताया कि तूफान के दौरान बंगाल की खाड़ी में लापता हुए 40 में से 30 ट्रॉलर ओड़िशा के धमरा बंदरगाह इलाके में खड़े हैं, जबकि 10 अन्य ट्रॉलर पश्चिम मेदिनीपुर के तटीय इलाकों में सुरक्षित हैं.
उन्होंने कहा कि रविवार शाम तूफान के दौरान समुद्र में लापता हो गये मछली पकड़ने वाले यह सभी ट्रॉलर अब दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप की तरफ लौट रही हैं. वहीं काकद्वीप स्थित मछुआरा संघ के सचिव जयकृष्ण हल्दार ने बताया कि यह ट्रॉलर मछली पकड़ने के लिए कुछ दिन पहले समुद्र में गये थे. प्रत्येक ट्रॉलर करीब 16-16 मछुआरे सवार थे.
लेकिन रविवार रात आये तूफान एवं तेज बारिश के बाद उन ट्रॉलरों पर लगे वायरलेस सेटों और मछुआरा संघ की संपर्क इकाई के बीच संपर्क टूट गया था. ट्रॉलरों को तलाश करने के लिए हल्दिया से कोस्ट गार्ड की एक टीम आयी थी. साथ ही तटीय पुलिस भी इस काम में लगी हुई थी. लापता ट्रॉलर मिलने के बावजूद सात मछुआरों का अभी तक कोई पता नहीं चला है. यह मछुआरे सूर्यनारायम एवं महारुद्र नामक ट्रॉलर पर सवार थे, जो तूफान के दौरान सुंदरवन के जंबु द्वीप से दस किलोमीटर की दूरी पर डूब गयी थीं. इन दोनों ट्रॉलरों पर सवार अधिकतर मछुआरों को तो बचा लिया गया था, पर उनमें से सात अभी तक लापता हैं. उन लापता मछुआरों का पता लगाने का प्रयास जारी है. हादसे में बचाये गये मछुआरों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है.