कोलकाता/नयी दिल्ली: सीबीआइ की ओर से तृणमूल सांसद देवव्रत बंद्योपाध्यय के खिलाफ लीव टिकट कनसेशन (एलटीसी) में धोखाधड़ी व ठगी के आरोप में एफआइआर दर्ज की गयी है. सीबीआइ की ओर से देवव्रत के अलावा बीएसपी के ब्रजेश पाठक व एपीएफ के लालमिंग लियाना व पूर्व सांसद भाजपा के जेपीएन सिंह, बीजेडी सांसद रेणु बाला व आरएलडी के मेहमूद अर्शद मदानी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. सीबीआइ ने आरोपी सांसदों के दिल्ली स्थित घर पर छापेमारी भी की. आरोप है कि देवव्रत बंद्योपाध्याय व अन्य आरोपियों ने टूर ऑपरेटर्स के साथ मिलकर रिटर्न टिकट खरीदी.
ऑनलाइन सर्विस का इस्तेमाल कर बोर्डिग पास लिया गया और वेब चेक इन सुविधा का इस्तेमाल किया गया. आरोप है कि इन बोर्डिग पास व टिकट को रद्द कर दिया गया और रिफंड की राशि को अपने पास रख दिया गया. बाद में इ-टिकट और बोर्डिग पास जो पूर्व में जारी हुए थे, उन्हें राज्यसभा सचिवालय में जमा किया गया ताकि सांसद के यात्र खर्च की राशि क्लेम की जा सके. यह मामला तब सामने आया जब एयर इंडिया के सतर्कता विभाग को मार्च में कोलकाता एयरपोर्ट से एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के संबंध में सूचित किया गया था. उसके पास से 600 ब्लैंक बोर्डिग पास मिले थे.
रेणुबाला ने अनभिज्ञता जतायी
बीजद की पूर्व राज्यसभा सदस्य रेणुबाला प्रधान ने एलटीसी घोटाले में अनभिज्ञता का का दावा करते हुए कहा कि मुङो घोटाले के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है. मैं रविवार को दिल्ली जा रही हूं और मैं सोमवार को सीबीआइ अधिकारियों से मिलूंगी. दिन के समय उनके परिसरों पर मारे गये सीबीआइ छापे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सीबीआइ अधिकारी भुवनेश्वर में मेरे एक रिश्तेदार के आवास पर आये थे. दावा किया कि उन्हें घोटाले के संबंध में जांच एजेंसी की ओर से कभी कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है.
ऐसे हुआ खुलासा
यह घोटाला पिछले साल मार्च में उस समय सामने आया जब कोलकाता हवाई अड्डे पर एक व्यक्ति को एयर लाइन के 600 खाली बोर्डिग पास के साथ गिरफ्तार किया गया. इसके बाद एयर इंडिया के सतर्कता विभाग को सतर्क किया गया था.
पहला मामला
जांच एजेंसी ने पिछले साल एक नवंबर को इस सिलसिले में पहला मामला दर्ज किया था. बरामद दस्तावेजों की जांच के दौरान कथित अपराध के कुछ और मामलों का पता चला था. लीव ट्रैवल कंसेशन (एलटीसी) घोटाले में दर्ज पहली प्राथमिकी में सीबीआइ ने जदयू के राज्यसभा सदस्य अनिल कुमार साहनी के खिलाफ फरजी हवाई टिकट और बोर्डिग पास पेश कर करीब 9.5 लाख रुपये कथित तौर पर लेने के आरोप में मामला दर्ज किया था.
तृणमूल ने की निंदा
तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी के राज्यसभा सदस्य देवब्रत बंद्योपाध्याय के दिल्ली स्थित आवास पर सीबीआइ छापे की निंदा की और कहा कि भाजपा सरकार केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल मुख्य विपक्षी दलों के खिलाफ बदले के उद्देश्य से कर रही है. तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने पार्टी की वेबसाइट पर जारी बयान में कहा कि सीबीआइ तृणमूल के वरिष्ठ राज्यसभा सदस्य देवब्रत बंद्योपाध्याय के दिल्ली स्थित आवास पर दस्तावेज के नाम पर गयी थी. ऐसा संबंधित व्यक्ति से बात किये बिना किया गया.
ब्रायन ने कहा कि हम सीबीआइ का इस्तेमाल मुख्य विपक्षी दलों के खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से करने के रुख की कडी निंदा करते हैं. लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसा करना उचित नहीं है. नई सरकार ने कुछ सप्ताह पहले ही पदभार संभाला है. हम उम्मीद कर रहे थे कि वह सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ शुरुआत करेगी और विकास के एजेंडे अपनायेगी. लेकिन हम हैरान हैं कि शुरुआत अफवाह, गपशप और मीडिया के जरिये दुष्प्रचार से की गयी है.
ब्रायन ने कहा कि देवब्रत बंदोपध्याय का एक बेहतर रिकार्ड रहा है. वह सबसे सम्मानित सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों में से एक है जिन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों में विभिन्न वरिष्ठ पदों पर काम किया है.