कोलकाता: मदरसा शिक्षा को दकियानूसी बतानेवालों की कमी नहीं है. मदरसा शिक्षा के विकास की काफी बातें होती हैं. यह भी दावा किया जाता है कि अपने पुराने पाठ्यक्रम के कारण मदरसा शिक्षा छात्रों के बीच अपनी पहचान खोता जा रहा है.
पहले के मुकाबले अब कम ही छात्र मदरसों का रुख करते हैं. वहीं दूसरी ओर, इस वर्ष मदरसा परीक्षा का एक ऐसा परिणाम सामने आया है, जिससे पूरा शिक्षा जगत हक्का-बक्का है. यूं तो इस वर्ष हाई मदरसा परीक्षा में मालदा की मरियम खातुन, आलिम की परीक्षा में हाफीज महमुदउल्लाह व फाजिल की परीक्षा में मोहम्मद अब्दुस सलाम मुल्ला ने टॉप किया है. पर टॉपर की इस तालिका में बांकुड़ा एक ऐसी लड़की भी है, जो मुसलिम नहीं, बल्कि हिंदू है.
हाई मदरसा की परीक्षा माध्यमिक के समान होता है. बांकुड़ा जिला के बोगधारा सिद्दिकया हाई मदरसा की छात्र मऊ हाल्दार ने राज्य भर में कमाल करते हुए हाई मरदसा के परीक्षा में छठा स्थान हासिल किया है. यह दुर्लभ उपलब्धि हासिल करनेवाली मऊ देश की पहली हिंदू छात्र है. 15 वर्षीय मऊ बांकुड़ा के खातरा गांव की रहनेवाली है. उसके पिता एक छोटे किसान हैं. मऊ को अन्य विषयों के साथ-साथ अरबी एवं इसलाम के बारे में पढ़ने में भी मजा आता है. एक छोटे से गांव में रहने वाली मऊ को अभी सभी विषयों में पाये गये नंबर के बारे में पता नहीं चला है, पर उसका मानना है कि अरबी एवं इसलाम दोनों ही विषय में उसे 80 से अधिक अंक मिलें होंगे. पश्चिम बंगाल मदरसा बोर्ड द्वारा प्रकाशित रिजल्ट के अनुसार मऊ को कुल 800 में से 719 नंबर मिले हैं. जबकि राज्य भर में टॉप करने वाली मरियम खातुन को 732 अंक मिले हैं.
अपनी कामयाब से बेहद खुश मऊ ने बताया कि कक्षा छह तक मैंने गांव के ही प्राथमिक स्कूल में शिक्षा हासिल की है. हॉई स्कूल गांव से आठ किलोमीटर दूर है. वहां जाने के लिए घने जंगल के बीच से हो कर जाना पड़ता है. इसलिए घरवालों ने हाई स्कूल भेजने के बजाय हाई मदरसा में भरती करवा दिया. बोगधारा सिद्दिकया हाई स्कूल में केवल मऊ हल्दार ही नहीं, बल्कि और भी कई हिंदू छात्र व छात्रएं तालीम हासिल कर रहे हैं.
हाई मदरसा के एक शिक्षक ने बताया कि हिंदू छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को अरबी वह इसलाम परिचय पढ़ने में किसी तरह की हिचक नहीं है. निकटवर्ती हाई स्कूल वहां से काफी दूर है. परिवहन की किसी प्रकार कोई व्यवस्था भी नहीं है. इसलिए लोग धर्म-जाति की परवाह नहीं कर अपने बच्चों को शिक्षा के लिए मदरसा में भरती करवाते हैं. परीक्षा में इतना बेहतरीन प्रदर्शन से उत्साहित मऊ आगे भी इसी मदरसे में अपनी शिक्षा जारी रखना चाहती है, उसका लक्ष्य डॉक्टर बनना है. पश्चिम बंगाल के मदरसों में छात्रों के मुकाबले छात्राएं अधिक संख्या में शिक्षा हासिल करती हैं. इस बार कुल 43607 परीक्षार्थी हाई मदरसा परीक्षा में शामिल हुए थे, जिनमें से 68 प्रतिशत अर्थात 29803 छात्रएं थीं. वहीं पश्चिम बंगाल मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी मेरिट लिस्ट के अनुसार बेहतरीन परिणाम लाने वाले टॉप टेन परीक्षार्थियों में आठ छात्राएं हैं.