कोलकाता: एक तरफ जहां देश के अन्य हिस्सों में नरेंद्र मोदी को अगला प्रधान मंत्री बनाने के लिए पूजा, यज्ञ, हवन इत्यादि किये जा रहे हैं, वहीं महानगर में एक उल्टा नजारा देखने को मिला. नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री न बनें, इसके लिए महानगर के आनंद पालित मोड़ पर एक सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमें हिंदू, मुसलिम, सिख व ईसाई धर्म के धर्मगुरू शामिल हुए. इस मौके पर कुछ हिंदू पुरोहितों द्वारा हवन भी किया गया. वहीं मुसलिम समुदाय के लोगों ने दुआ मांगी.
जबकि ईसाई धर्म के लोगों ने अपने तरीके से प्रार्थना की. सिख धर्म के मानने वाले भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने इस सर्वधर्म प्रार्थना सभा में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. सभी का मकसद एक ही था कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधान मंत्री न बनें.
अगर ऐसा हो गया तो देश तबाह हो जायेगा. इस सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन मानवाधिकार सुरक्षा संघ ने किया था. संघ के अध्यक्ष शमीम अहमद ने कहा कि यह किसी एक व्यक्ति या संस्था व संगठन की आवाज नहीं है. देश के अधिकतर धर्मनिरपेक्ष लोगों की चाहत है कि नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री न बनें. भारत एक लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष देश है. हमारी नींव सर्वधर्म हिताय पर रखी गयी है. जबकि मोदी सब को साथ ले कर चलने के बजाय समाज को बांटने पर विश्वास करते हैं. विकास एक बड़ा मुद्दा है, पर अगर देश ही नहीं बचेगा तो विकास किस का होगा. हम सब को देश को मिलजुल कर देश को बचाना है. इसके लिए हम सब को मोदी को रोकना होगा. उनके हाथ खून में रंगे हुए हैं. जिस शख्स को अपनी करनी पर आजतक पछतावा नहीं हुआ है, वह देश को साथ लेकर कैसे चलेगा. श्री अहमद ने कहा कि अभी तो यह शुरूआत है. आने वाले दिनों में हम लोग देश भर में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन करेंगे.