कोलकाता: राज्य स्वास्थ्य विभाग ने गुटखा-पान मसाला के उत्पादन व बिक्री पर पाबंदी की मियाद में एक वर्ष की वृद्धि कर दी है. इस बार कानून का पालन नहीं होने पर स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य विभाग ने फौजदारी मामला करने की भी चेतावनी दी है. विभाग के प्रवक्ता सुमन विश्वास ने बताया कि इस दौरान सभी जिलों के सहकारी मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दे दी गयी है.
पाबंदी की मियाद एक मई से शुरू होगी. गौरतलब है कि पहले राज्य सरकार गुटखा व पान मसाला के उत्पादन व बिक्री पर पाबंदी लगाना नहीं चाहती थी, क्योंकि इससे राज्य के खजाने में कई सौ करोड़ रुपये की आमदनी होती थी. राज्य में गुटखा पर पाबंदी लगाने के मुद्दे पर सितंबर 2012 में कलकत्ता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी.
इस मामले पर अदालत के कड़े तेवर को देखते हुए सरकार ने एक मई 2013 से राज्य में गुटखा तैयार करने एवं इसकी बिक्री पर एक वर्ष तक के लिए पाबंदी लगा दिया था. पर कानून में कुछ कमी थी. गुटखा तैयार करने वाली कंपनियों ने इसका फायदा उठाते हुए पान मसाला व जर्दा को अलग-अलग पैकेट में कर बाजार में सप्लाई करना शुरू कर दिया. यह सिलसिला पिछले एक वर्ष से चल रहा था. पिछले एक वर्ष में राज्य में इस कानून का उल्लंघन करने के आरोप में एक भी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं हुई. इसलिए राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इस बार कड़े तेवर अपनाने की चेतावनी देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अगर इस बार कानून का उल्लंघन किया गया तो इसके खिलाफ फौजदारी मामला दायर किया जायेगा. जिस गुटखा व पान मसाला में तंबाकु एवं निकोटिन पाया जायेगा, उसके खिलाफ विभाग अभियान चलायेगा.