उनके माल लदे ट्रकों को रोक दिया जाता है.और तो और कई बार कारोबारियों से मारपीट भी की गयी है.बदमाशों के इन हरकतों से परेशान कारोबारियों का धैर्य जवाब दे दिया है.इनलोगों ने बदमाशों के खिलाफ पुलिस से कार्यवाइ करने की मांग की है. इसको लेकर हिली एक्सपोर्ट एंड कस्टम क्लियरिंग एजेंट एसोसिएशन की ओर से थाने में शिकायत भी दर्ज करायी गयी है.इनका आरोप है कि बदमाशों के इस आतंक दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात के कारोबार पर असर पड़ा है.
उल्लेखनीय है कि हिली एक अंतराष्ट्रीय सीमा है. यहां इमिग्रेशन चेकपोस्ट भी है.इसी चेकपोस्ट से भारत-बांग्लादेश के बीच वैध तरीके से आमलोगों की आवाजाही होती है और आयात-निर्यात का काम भी होता है.देश के विभिन्न राज्यों से प्याज,लहसुन,चीनी,मछली,मिर्च आदि लदी गाड़ियां इसी सीमा क्षेत्र से बांग्लादेश में प्रवेश करती है.इसके साथ ही बांग्लादेश से भी हिल्सा मछली तथा कुछ अन्य सामग्रियों को लेकर ट्रकें भारतीय सीमा क्षेत्र में आती है.हर दिन करीब 130 से 140 गाड़ियां बांग्लादेश जाती है. सीमा शुल्क के माध्यम से सरकार को भी करोड़ों रूपये की आय होती है.यहां के भी काफी लोग इस कारोबार से जुड़े हुए हैं.
इनलोगों ने एक्सपोर्ट एंड कस्टम क्लियरिंग एसोसिएशन के नाम से एक संगठन भी बना लिया है. इसी संगठन से तीन लाख रूपये की रंगदारी स्थानीय एक क्लब ने मांगी है. संगठन के सचिव संजित मजुमदार ने बताया है कि स्थानीय विप्लवी संघ नामक एक क्लब ने दुर्गा पूजा के लिए तीन लाख रूपया चंदा मांगा है. नहीं देने पर जान से मारने की धमकियां दी जा रही है. उसके बाद ही हिली थाने में इस मामले की शिकायत दर्ज करायी गयी है.धमकियों की वजह से काम करने में भी परेशानी हो रही है. उन्होंने समस्या समाधान नहीं होने पर यहां से आयात-निर्यात कारोबार बंद कर आंदोलन की भी धमकी दी. दूसरी तरफ क्लब ने इस आरोप को खारिज कर दिया है. क्लब की ओर आशुतोष साहा ने बताया है कि दुर्गा पूजा के लिए किसी प्रकार के चंदे की मांग नहीं की गयी है.