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कोलियरी क्षेत्र में पेयजल संकट गहराया, प्रबंधन के टैंकरों से पानी पहुंचाने के दावों को ग्रामीणों ने बताया नाकाफी

चितरा कोलियरी क्षेत्र में गर्मी की तपीश बढ़ने के बाद घोर पेयजल संकट गहरा गया है. लोगों का कहना है कि चापानलों से पानी नहीं निकल रहा है. वहीं प्रबंधन टैंकरों से गांवों में जलापूर्ति का दावा कर रहा है. लेकिन ग्रामीण कहते हैं कि समय पर पानी नहीं मिल रहा है

चितरा . जिले के चितरा कोलियरी क्षेत्र के दर्जनों गावों में तालाब सूखने और चापानलों से शुद्ध पानी नहीं मिलने से लोगों में पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है. क्षेत्र में पेयजल संकट विकराल रूप लेने लगा है. गर्मी की तपीश बढ़ने के साथ ही आम लोगों को पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि पीने का पानी मिलना तो दूर की बात, रोजमर्रा के काम के लिए भी पानी मिलना असंभव हो रहा है. इतना ही नहीं पेयजल की व्यवस्था के लिए लोग लगभग दो तीन किमी दूर से पानी लाते हैं. मिली जानकारी के अनुसार कोलियरी क्षेत्र में आउटसोर्सिंग के जरिये निजी टैंकरों से प्रतिदिन विभिन्न गांवों में जलापूर्ति की जाती है. लेकिन जरूरतमंदों का कहना है कि जरूरत के अनुसार पानी नहीं मिल रहा है. मिली जानकारी के अनुसार कोलियरी प्रभावित गांवों में टैंकरों से जलापूर्ति के लिए प्रतिदिन करीब 200 लीटर डीजल प्रबंधन खर्च करती है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 20 हजार रुपये होती है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि कोलियरी प्रबंधन प्रतिदिन लगभग 20 हजार रुपये जलापूर्ति के नाम पर खर्च करती है. लेकिन कोलियरी प्रभावित क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इसका लाभ उन्हें नहीं मिल पाता है. वहीं कुछ लोग कहते है कि कोलियरी क्षेत्र के तालाबों के सूखने और चापानलों से भी पानी नहीं निकलने से यह समस्या उत्पन्न हुई है. इस संबंध मे कोलियरी प्रभावित गांव की राधिका देवी ने कहा कि सप्ताह में दो से तीन दिन ही गांव में टैंकर से पानी आता है और जलापूर्ति के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. कहा कि टैंकर चालकों की मनमानी के वजह से भी हमलोगों को जरूरत के अनुसार पानी नहीं मिलता है. इस संबंध में भवानीपुर गांव की सोनिया देव्या, जवाहर राय व मुन्ना राय समेत अन्य ने कहा कि हमारे गांव में पेयजल की घोर किल्लत है, जिससे रोजमर्रा के काम के लिए भी साधारण पानी के लिए लालायित रहते हैं. कहा कि बगल में तालाब है, जिसमें कोलियरी प्रबंधन ने पानी का पाइप भरने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गयी है, साथ ही कहा कि चितरा कोलियरी हम लोगों के लिए खासकर गर्मी के मौसम में अभिशाप साबित हो जाता है. क्योंकि गर्मी का मौसम आते ही जल संकट की समस्या उत्पन्न हो जाती है. कहा कि टैंकर का पानी हम लोगों तक तो कभी पहुंचता ही नहीं है. कहा कि हम ग्रामीणों को सबसे पहले तो पीने का शुद्ध पानी कभी नसीब नहीं हो रहा है.

क्या कहते हैं कोलियरी अधिकारी

इस संबंध में कोलियरी के इएंडएम विभाग के क्षेत्रीय अभियंता राकेश रंजन ने कहा कि गांवों में जलापूर्ति के लिए आउटसोर्सिंग के तहत कुल 14 पानी टैंकर भेजे जाते हैं, जिससे नियमित जलापूर्ति भी की जा रही है. वहीं क्षेत्र के माननीय नेताओं के विशेष निर्देश पर पानी टैंकरों को क्षेत्र से बाहर भी भेजना पड़ता है, जिससे इस प्रकार की समस्या उत्पन्न हो रही है.

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