लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विकास की महत्वपूर्ण योजनाओं पर विचार-विमर्श और बेहतर समन्वय स्थापित करने के मकसद से राज्य सरकार से चर्चा के लिए नीति आयोग की एक उच्चस्तरीय टीम दस मई को राजधानी आएगी. उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार केंद्र के साथ कदम से कदम मिलाते हुए तेजी से काम कर रही है. इसी क्रम में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा अरविन्द पनगढिया के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल दस मई को आ रहा है.’
उन्होंने बताया कि नई सरकार के गठन के साथ ही उत्तर प्रदेश में परिवर्तन, विकास और गरीबों के सशक्तीकरण के लिए नये युग का प्रारंभ हुआ है. बेहतर बजटीय प्रबंधन, क्षमता वृद्धि, योजनाओं एवं परियोजनाओं की संरचना एवं कार्यान्वयन की प्रक्रिया में सुधार, बेहतर विभागीय समन्वय आदि क्षेत्रों में केंद्र के साथ समेकित प्रयास से इस दिशा में प्रभावी परिणाम देने के लिए संभावनाओं पर आयोग की टीम से चर्चा की जाएगी. सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास को लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियों ने नारे दिये. सपा ने उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की बात की लेकिन ‘‘ऐसा तभी हो सकता है, जब जमीन पर काम किया जाए.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कह चुके हैं कि जब उत्तर प्रदेश का विकास होगा तभी भारत का विकास होगा। इसी विचार को आगे बढाने के लिए मुख्यमंत्री योगी के आग्रह पर नीति आयोग की टीम यहां आ रही है.’ उन्होंने बताया कि सात बिन्दुओं की पहचान की गयी है, जिन पर नीति आयोग से चर्चा होगी। ये उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदलने को लेकर प्रस्तुतिकरण, कृषि क्षेत्र में किसानों की आय दोगुनी करने, प्रदेश में निवेश के इच्छुक लोगों को कारोबार करने में आसानी हो, जन स्वास्थ्य बेहतर हो, पोषण, ग्रामीण विकास एवं पेयजल, स्वच्छता तथा शिक्षा हैं.
सिंह ने कहा कि योगी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार जन समस्याओं और मुद्दों को लेकर पूरी तरह संवेदनशील है. तभी स्वच्छ शहरों की सूची में उत्तर प्रदेश के केवल वाराणसी शहर का नाम होने पर चिन्तित मुख्यमंत्री ने कल शाम ही मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ बैठक कर आगे उठाये जाने वाले कदमों पर चर्चा की.
मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार को राजकोष खाली मिला है. यह पूछने पर कि किसानों की कर्ज माफी और अन्य योजनाओं पर होने वाले खर्च को सरकार कैसे वहन करेगी, तो उन्होंने कहा, ‘‘हमारा बजट छह लाख करोड रुपये होता है. अगर हम लीकेज और चोरी को दस प्रतिशत भी रोकने में सफल हो गये तो 60 हजार करोड रुपये की बचत हो सकती है.’ आबकारी नीति को लेकर किये गये एक सवाल पर सिंह ने कहा कि अब तक पूरे प्रदेश में शराब के ठेकों पर केवल एक ही कंपनी का कब्जा था। उसका एकाधिकार था. इससे भ्रष्टाचार पनपा। अब नई आबकारी नीति आ रही है, जिसमें एकाधिकार समाप्त किया जाएगा और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों पर कानून सम्मत कार्रवाई होगी.
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साफ कह चुके हैं कि टोपी हो या पगडी, किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। भगवा मफलर या स्कार्फ पहनकर गुमराह करने वाले भी गलतफहमी दूर कर लें। हमारी कार्रवाई से साफ नजर आता है कि सरकार काम कर रही है. कानून व्यवस्था की स्थिति को बहुत तेजी से हम ठीक कर रहे हैं. मुख्यमंत्री पूरी पारदर्शिता से निर्देश दे रहे हैं और कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है. पुलिस की कार्रवाई में कोई दखलअंदाजी नहीं की जा रही है.
राजधानी लखनऊआ रही नीति आयोग की टीम में पनगढिया के अलावा आयोग के सदस्य रमेश चंद्र, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत सहित भारत सरकार के मंत्रालयों के सात सचिव, दो अपर सचिव, 13 वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.