लखनऊ : सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपने पिता और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को किनारे लगाना महंगा पड़ा. अखिलेश ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा कर खुद अध्यक्ष बन गये, वहीं चाचा शिवपाल सिंह यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा कर उनके समर्थक मंत्रियों अंबिका चौधरी, नारद राय और शादाबा फातिमा का टिकट काट दिया.
इसके साथ ही अखिलेश ने करीब 37 विधायकों और मंत्रियों का भी टिकट काट कर नये चेहरों को मौका दिया. सपा में मचा कलह और भितरघात इसे ले बीता. सपा के बागी भी बुरी तरह से सपा को हराने में लग गये. वोट कटवा की भूमिका निभाते हुए उसे हरा दिया. सपा कुनबे के लोगों पर प्रदेश की जनता हमेशा भरोसा जताती आयी है. लेकिन इस बार वह भी हार गये. लखनऊ कैंट से मुलायम की छोटी बहू अर्पणा यादव 33 हजार के अंतर से हारीं, वहीं सरोजनी नगर से मुलायम के भतीजे अनुराग स्वाति सिंह से हार गये. अंतिम सूची जारी होने तक चुनाव में काफी समय बचा था. शिवपाल और अखिलेश समर्थकों में भी खींचतान और गुटबाजी से भी सपा को हार का सामना करना पड़ा.
आजम व बेटे अब्दुल्ला ने दर्ज की जोरदार जीत
रामपुर: चुनाव में भगवा लहर के बीच रामपुर सीट पर सपा उम्मीदवार आजम खां और पहली बार चुनाव लड़ रहे उनके बेटे अब्दुल्ला ने जोरदार जीत हासिल की. खां ने भाजपा के शिव बहादुर सक्सेना को 46842 मतों से हराकर आठवीं बार विधायक बने. आजम को 102100 वोट मिले , जबकि सक्सेना को 55258 मत मिले. बेटे अब्दुल्ला ने चुनावी राजनीति में कदम रखते हुए स्वार सीट से 53 हजार 96 मतों से जोरदार जीत हासिल की. अब्दुल्ला ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की लक्ष्मी सैनी को 53 हजार 96 मतों से हराया.