12.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

इस दिवाली पटाखा बाजार में नहीं दिखा उत्साह

लखनऊ : चीन में बने पटाखों के आयात और बिक्री पर रोक के बावजूद देशी पटाखों का बाजार जोर नहीं पकड सका है. पर्यावरण के प्रति विभिन्न संगठनों के जनजागरण अभियानों तथा कई अन्य कारणों से इस बार पटाखा बाजार में कोई उत्साह नहीं है. उद्योग मण्डल ‘एसोचैम’ के एक ताजा सर्वेक्षण में यह दावा […]

लखनऊ : चीन में बने पटाखों के आयात और बिक्री पर रोक के बावजूद देशी पटाखों का बाजार जोर नहीं पकड सका है. पर्यावरण के प्रति विभिन्न संगठनों के जनजागरण अभियानों तथा कई अन्य कारणों से इस बार पटाखा बाजार में कोई उत्साह नहीं है. उद्योग मण्डल ‘एसोचैम’ के एक ताजा सर्वेक्षण में यह दावा किया गया है.

सर्वे के मुताबिक पटाखा विक्रेताओं का कहना है कि सिर्फ चीनी पटाखों की बाजार में आमद ने ही देशी पटाखा व्यवसाय को नुकसान नहीं पहुंचाया है, बल्कि पटाखों से होने वाले प्रदूषण के विरद्ध विभिन्न संगठनों द्वारा जनजागरण अभियान चलाये जाने, अपनी गाढी कमाई को पटाखों के रुप में जलाने के बजाय बचाने की बढती प्रवृत्ति तथा समय बचाने की इच्छा समेत अनेक अन्य कारणों ने भी देशी पटाखा व्यवसाय को भारी क्षति पहुंचायी है.
एसोचैम के राष्ट्रीय महासचिव डी. एस. रावत ने कहा कि घरेलू पटाखा उद्योग को मजबूत करने के लिये चीनी पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जाना एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन पटाखे जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को लेकर बढती आलोचना और प्रचार की वजह से पूरे देश में पटाखा उद्योग का विकास अवरद्ध हुआ है.
उन्होंने बताया कि हाल के वर्षों में चीन-निर्मित पटाखों की बिक्री बढने और पटाखे जलाने के खिलाफ जारी सघन अभियानों की वजह से पटाखा निर्माण हब माने जाने वाले शिवकाशी में पटाखे बनाने की सैकडों इकाइयां बंद हो चुकी हैं.
एसोचैम ने पिछले 25 दिन के दौरान लखनउ, भोपाल, चेन्नई, देहरादून, दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर, मुम्बई, अहमदाबाद तथा बेंगलूरु समेत 10 शहरों के 250 थोक एवं खुदरा पटाखा विक्रेताओं से बात करके यह जानने की कोशिश की कि देश में चीनी पटाखों पर प्रतिबंध के बाद उनका क्या रख और नजरिया है.
ज्यादातर पटाखा विक्रेताओं ने बताया कि पिछले पांच वर्षों के दौरान पटाखों की बिक्री में साल दर साल 20 प्रतिशत की गिरावट आयी है. यही वजह है कि उन्होंने दीपावली के दौरान बेचने के लिये लाये जाने वाले पटाखों की मात्रा लगभग आधी कर दी है. सर्वे के मुताबिक कच्चे माल की कीमतों में बढोत्तरी और बढती महंगाई की वजह से भी लोग पटाखे खरीदने के प्रति हतोत्साहित हुए हैं और यह रख पिछले कुछ वर्षों के दौरान बरकरार रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें