लखनऊ : अखिलेश-शिवपाल विवाद को खत्म करने के लिए कल मैदान में खुद नेताजी मुलायम सिंह यादव उतरे. उनके हस्तक्षेप के बाद अखिलेश और शिवपाल दोनों ने समझौता कर लिया, शिवपाल के पास प्रदेश अध्यक्ष का पद है और साथ ही सारे विभाग भी उन्हें भतीजे अखिलेश ने वापस दे दिया है. वहीं खबर है कि अखिलेश टिकट बंटवारे में कोई समझौता नहीं करना चाहते हैं, जिसपर शिवपाल ने अपनी सहमति दे दी है.
UP: Akhilesh Yadav's supporters demand that he be made UP chief of Samajwadi Party again. pic.twitter.com/sMoNSQIIOd
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 17, 2016
इसी बीच खबर है कि अखिलेश के समर्थकों ने शिवपाल यादव के साथ काम करने से इनकार कर दिया है. सपा के चारों युवा संगठन युवाजन सभा, लोहियावाहिनी, मुलायम ब्रिगेड और छात्रसभा ने मुलायम को पत्र लिखकर यह कहा है कि वे शिवपाल के साथ काम करना नहीं चाहते हैं. यह चारों संगठन अखिलेश के समर्थक हैं.
अखिलेश के समर्थक डिंपल और अखिलेश के पोस्टर लेकर उन्हें दोबारा अध्यक्ष पक्ष देने और उनके सम्मान की वापसी की मांग कर रहे हैं. समर्थकों का कहना है, नेताजी ने सबका सम्मान वापस दिलवाया तो उन्हें अखिलेश यादव का सम्मान भी वापस दिलवाना चाहिए.
कल मुलायम की पहल के बाद भ्रष्टाचार के आरोपी बर्खास्त खनन मंत्री गायत्री प्रजापति को वापस मंत्रिमंडल में लिये जाने की घोषणा हुई. मुलायम द्वारा अखिलेश पर इन फैसलों को लेकर दबाव बनाया गया, जिससे उनके समर्थक नाराज हैं और आज प्रदर्शन कर रहे हैं.