मथुरा : उत्तर प्रदेश सरकार ने मथुरा में गत दो जून को घटी जवाहर बाग हिंसा की घटना की जांच कर रहे एकल सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का कार्यकाल तीन माह के लिए बढ़ा दिया है. यह जानकारी आयोग के सचिव एवं सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश प्रमोद कुमार गोयल ने आज यहां दी और बताया कि आयोग द्वारा इन दिनों घटना के संबंध में जनसाधारण से अब तक प्राप्त हुए 130 शपथ पत्रों के सापेक्ष बयान दर्ज करने की कार्यवाही की जा रही है.
न्यायिक आयोग कर रही मामले की जांच
गौरतलब है कि इससे पूर्व दो जून को जवाहर बाग की घटना घटने के बाद विरोधी दलों द्वारा सीबीआई जांच की मांग के बीच मुख्यमंत्री ने पहले अलीगढ़ मण्डल के तत्कालीन आयुक्त चन्द्रकांत को जांच का जिम्मा सौंपा था और फिर 48 घण्टे के अंदर ही उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मिर्जा इम्तियाज मुर्तजा को जिम्मेदारी देते हुए एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन कर 2 माह का समय दिया था. जांच आयोग ने पाया कि उक्त घटना के संबंध में लोगों के शपथ पत्र दर्ज करने में ही दो माह का समय निकल गया जबकि अभी सभी आम गवाहों, फिर सरकारी गवाहों के बयान दर्ज करने, उनका परीक्षण करने तथा अंत में विश्लेषण के पश्चात निर्णयात्मक रिपोर्ट तैयार करने में अधिक वक्त चाहिए.
तीन महीने बढ़ाया गया वक्त
उन्होंने बताया कि सरकार ने जरूरत समझते हुए 3 माह का समय बढ़ा दिया है. अब यह कार्यवाही 7 नवंबर तक पूर्ण की जा सकती है. उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में यह कार्यवाही गुरुवार (11 अगस्त) तक चलेगी. तत्पश्चात अगले चरण का कार्यक्रम तयकर गवाही दर्ज कराने के लिए सम्मन जारी किये जायेंगे. उन्होंने बताया कि मंगलवार को आयोग के अध्यक्ष एवं इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति मिर्जा इम्तियाज मुर्तजा की उपस्थिति में सुबह साढे 10 बजे से प्रारंभ हुई कार्यवाही देर शाम 8 बजे 10वें गवाह की गवाही दर्ज होने तक चली. सचिव ने बताया कि जब गैर सरकारी व्यक्तियों के बयान दर्ज होने का सिलसिला समाप्त हो जायेगा, तब पुलिस, प्रशासन, उद्यान एवं अन्य विभागों से संबंधित सरकारी कर्मचारियों के बयान दर्ज किये जायेंगे.