मथुरा : उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में पुलिस एवं अतिक्रमणकारियों की झड़प वाले जवाहर बाग में स्थिति का जायजा लेने के इरादे से आज सुबह यहां पहुंचीं सांसद हेमामालिनी को पुलिस ने प्रवेश करने से रोक दिया. पुलिस ने कहा कि उक्त इलाके में अब भी तलाशी अभियान जारी है इसलिए वहां किसी भी असैन्य व्यक्ति का जाना प्रतिबंधित है.हेमा मालिनी आज शहीद एसपी मुकुल द्विवेदी के परिजनों से मिलीं भी और उसके बाद कहा कि मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए. खुद निष्क्रियता का आरोप झेल चुकी हेमा मालिनी मथुरा हिंसा के मुद्दे पर प्रदेश के अखिलेश सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ स्थानीय सांसद हाेने के कारण सीधे कमान संभालेंगी. मथुरा हिंसा के बाद चुनावी मौसम में भाजपा व्यापक धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम बना रही है. उधर, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी कहा है कि मथुरा हिंसा की सीबीआइ या न्यायिक जांच होनी चाहिए.
उधर, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इसमें कोई विशेष बात नहीं है. मथुरा से सांसद हेमामालिनी को रोकने के पीछे पुलिस की कोई विशेष मंशा नहीं है और उनका इरादा साफ है. अभी पूरा इलाका सुरक्षित घोषित नहीं हुआ है. पुलिस और विशेषज्ञों के दल चप्पे-चप्पे की छानबीन कर रहे हैं कि कहीं कोई विस्फोटक न छिपा हो. यदि ऐसे में वीआईपी या किसी भी व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना घट जाती है तो जवाब देना मुश्किल हो जाएगा.
Mathura (Uttar Pradesh): BJP MP Hema Malini visits hospital to meet policemen injured during #MathuraViolence pic.twitter.com/Gmmg9Odhja
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 4, 2016
गौरतलब है कि गुरुवार को मथुरा के दो जाबांज पुलिस अधिकारियों की शहादत और दो दर्जन अन्य लोगों के मारे जाने की घटना के बाद सांसद हेमामालिनी द्वारा अपनी नई फिल्म ‘एक थी रानी’ की शूटिंग से संबंधित तस्वीरें ट्वीट किए जाने और उनकी जानकारी दिए जाने पर उन पर लोगों का गुस्सा फूट पडा था.
इसके बाद उन्होंने अपनी वह पोस्ट तुरंत हटाकर मथुरा की घटना पर दु:ख जताने से संबंधित पोस्ट डाल दी थी. उन्होंने बाद में आज मथुरा पहुंचने की भी जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की थी.
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने शुक्रवार को इस मामले में पुलिस एवं जिला प्रशासन की कथित ढिलाई और समाजवादी पार्टी सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए शनिवार को कलक्टे्रट पर धरना दिए जाने की घोषणा की थी. सांसद भी धरने में शामिल होने पहुंची थीं. हेमामालिनी ने इससे पूर्व घायल पुलिसकर्मियों से अस्पताल जाकर मुलाकात की थी.
उन्होंने मीडिया से कहा, ‘मुझे वाकई बहुत दुख है कि मुकुल द्विवेदी एवं संतोष यादव जैसे दो कर्मठ पुलिस अधिकारियों को हमने इस प्रकार खो दिया.’ उन्होंने कहा, ‘अगर जिला प्रशासन ने थोडी भी सूझबूझ से काम लिया होता, तो आज इतनी बडी क्षति न होती. यह अखिलेश सरकार की कानून और व्यवस्था को भली प्रकार से कायम न रख पाने की सबसे बडी विफलता है.’