मथुरा :मथुरा जिले में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान हुई हिंसा में पुलिस अधीक्षक (शहर) मुकुल द्विवेदी समेत 14 लोगों की मौत हो गयी.मामले में एडीजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) ने बताया कि गुरुवार को हुई झड़प में 2 पुलिसकर्मी और 12 अतिक्रमणकर्ताओं की मौत हो गई है. उन्होंने बताया कि कल हुई झड़प में पुलिस पर हमला करने वाले लोगों की पहचान हो चुकी है और मामले में जल्द ही गिरफ्तारी होगी. हमें कमिश्नर की रिपोर्ट का इंतजार है, रिपोर्ट आने के बाद ही हम आगे कार्रवाई करेंगे.
मामले का जायजा लेने डी जी पी जावीद अहमद और प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पांडा मथुरा पहुंच चुके हैं.
वहीं दूसरी ओर यूपी सीएम अखिलेश सिंह यादव ने निजी सचिव और डीजीपी को मथुरा कांड की जांच करने का निर्देश दिया है. मथुरा में हुई घटना की जांच के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देश पर आगरा के मण्डलायुक्त को जांच अधिकारी नामित किया गया है. यह जानकारी आज यहां राज्य सरकार के प्रवक्ता ने दी है.
कहां से मथुरा में पहुंचे ये हथियार
पुलिस को कार्रवाई के दौरान मथुरा में बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं. बरामद हथियार में 315 बोर के 45 हथियार, 5 राइफल, 200 कारतूस भी शामिल हैं. उपद्रवियों को हथियार और बम कहां से मिले इसकी जांच पुलिस कर रही है. इस मामले को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से फोन पर बात की और हालात का जायजा लिया. गृहमंत्री ने हिंसा में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.
क्यों हुई हिंसा
प्राप्त जानकारी के अनुसार जवाहर बाग में हिंसा तब शुरू हुई, जब उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में पुलिसकर्मी, जवाहर बाग में किये गये अतिक्रमण को हटाने की कोशिश कर रहे थे. समझा जाता है कि पथराव आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही संगठन के कार्यकर्ताओं ने किया, जिन्होंने अतिक्रमण किया था. आइजी (कानून व्यवस्था) एचआर शर्मा ने बताया कि करीब 3000 अतिक्रमणकारियों ने पुलिस दल पर पथराव किया और फिर गोली चलायी. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. फिर गोली चलायी.
क्या कहा मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने
गुरुवार को मथुरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी विवेक मिश्रा ने बताया कि टकराव में पांच विरोधकर्ता और दो पुलिसकर्मी मारे गए. शर्मा और मिश्रा ने बताया कि अतिक्रमणकारियों की गोलीबारी में पुलिस अधीक्षक (शहर) मुकुल द्विवेदी और फाराह पुलिस थाने के प्रभारी संतोष कुमार की जान चली गई. उन्होंने बताया कि इस टकराव में दो दर्जन पुलिसकर्मियों सहित कम से कम चार दर्जन लोग घायल हो गए. शहर के नयति अस्पताल के सीईओ एवं क्रिटिकल केयर विभाग के निदेशक डॉ. आरके मणि ने बताया कि द्विवेदी की अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई.
मुआवजे का एलान
मुख्यमंत्री अखिेलश यादव ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए, मृत पुलिस कर्मियों के परिजनों को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है. उन्होंने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक :कानून एवं व्यवस्था: को मौके पर जाकर स्थिति को तत्काल काबू करने के निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने और दोषियों को गिरफ्तार करने का निर्देश भी दिया है. डीएम राजेश कुमार ने बताया कि कार्यकर्ताओं के नेता राम वृक्ष यादव और समूह के सुरक्षा अधिकारी चंदन गौर वहां से अपने हजारों समर्थकों के साथ भाग गए. उन्होंने बताया कि अतिक्रमणकारी पिछले ढाई साल से सरकारी बाग पर कब्जा जमाए बैठे थे. उन्हें कई बार नोटिस देकर मौके से हट जाने को कहा गया था. पिछले दो माह से उनको बलपूर्वक हटाए जाने के प्रयास किए जा रहे थे.
ऐसे शुरू हुई हिंसा
डीएम ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए समुचित संख्या में पुलिस बल आने की संभावना थी. उसके बाद एक्शन लिया जाना था कि तभी दिन में ही सामान्य गश्त के दौरान खुद को आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही संगठन नामक संगठन के सदस्य बताने वाले लोगों ने पुलिस दल पर हमला कर दिया. उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं ने हैंड ग्रेनेड का उपयोग करने के साथ ही पेडों पर पोजीशन ले कर स्वचालित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी. डीएम ने बताया कि हैंड ग्रेनेडों तथा एलपीजी सिलिंडरों के विस्फोट से पूरे इलाके में धुआं फैल गया. इसके बाद कई झोपडों में आग लग गई. उन्होंने बताया कि बाग में डटे हुए सभी तथाकथित सत्याग्रहियों को खदेड कर पुलिस ने कब्जा कर लिया है और अतिक्रमणकारियों द्वारा लगाई गई आग बुझा दी.
‘आजाद भारत विधिक विचारक क्रांति सत्याग्रही’की भूमिका
करीब दो साल पहले, बाबा जय गुरुदेव से अलग हुए समूह के कार्यकर्ताओं ने खुद को ‘‘आजाद भारत विधिक विचारक क्रांति सत्याग्रही’ घोषित किया था और धरने की आड में जवाहर बाग की सैकडों एकड भूमि पर कब्जा कर लिया था. उनकी मांगों में भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव रद्द करना, वर्तमान करेन्सी की जगह ‘आजाद हिंद फौज’ करेन्सी शुरू करना, एक रुपये में 60 लीटर डीजल और एक रुपये में 40 लीटर पेट्रोल की बिक्री करना शामिल है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाल ही में प्रशासन के अधिकारियों को वह जमीन खाली कराने का आदेश दिया था.