लखनऊ : केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने बिहार चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन पर आज कहा कि कोई जरुरी नहीं कि विकास का काम किया तो चुनाव जीत ही जायें क्योंकि राजनीति का स्वभाव अलग है.
मिश्र ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘राजनीति का स्वभाव अलग है. चुनाव में आवश्यक नहीं कि विकास का काम किया तो चुनाव जीत ही जायें. बिहार के जनादेश का हम सम्मान करते हैं.” उनसे सवाल किया गया था कि भाजपा ने विकास के नाम पर चुनाव प्रचार किया लेकिन फिर भी बिहार में सफल क्यों नहीं हो सकी.
जब पूछा गया कि पहले दिल्ली और फिर बिहार में मिली हार के बाद क्या उत्तर प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं में निराशा आ गयी है, तो बोले, ‘‘निराशा का भाव नहीं है. चुनाव लड़ने वाला और चुनाव लड़ाने वाली पार्टी कभी निराश नहीं होते.” इस सवाल पर कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जादू अब खत्म हो रहा है क्योंकि बिहार में उनके आक्रामक प्रचार के बावजूद पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा, कलराज मिश्र ने कहा कि मोदी की तुलना इससे नहीं करें क्योंकि उनका व्यक्तित्व राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर का है. जनता ने उन्हें इसीलिए प्रधानमंत्री के पद पर प्रतिष्ठित किया.
बुंदेलखंड में किसानों की दयनीय स्थिति के बारे में पूछने पर केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने कहा कि उनके मंत्रालय (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) की कोशिश है कि हर जिले में खादी की इकाइयां खुलें, छोटे उद्योग खुलें और जिलों में उपलब्ध कच्चे माल के हिसाब से उत्पाद तैयार किये जाएं. बुंदेलखंड के बारे में भी सरकार विचार करेगी.
इससे पहले आंचलिक खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया के जो भी देश विकसित बने, लघु एवं मध्यम उद्योगों की बदौलत बने. चाहे जापान, जर्मनी, यूरोपीय देश या अमेरिका हो, सब सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की बदौलत विकसित राष्ट्र बने. भारत को भी इसी के जरिए विकसित देश बनाने की कोशिश केंद्र की सरकार कर रही है.
मिश्र ने कई उदाहरण और अनुभव साझा करते हुए कहा कि सोयाबीन का दूध और पनीर काफी सस्ता है और डेयरी दूध के मुकाबले इसमें कहीं अधिक प्रोटीन होता है इसलिए ऐसे उद्योगों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि देवरिया में हल्दी सुखाने का संयंत्र लगने जा रहा है वरना हल्दी सुखाने में महीनों लग जाते हैं.