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मुलायम ने फिर दी सपा नेताओं को नसीहत, अवैध खनन पर किया आगाह

ललितपुर: उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने आज एक बार फिर पार्टी नेताओं को पैसा कमाना छोडकर जनता की सेवा में जुटने की ताकीद करते हुए सूबे में जगह-जगह हो रहे अवैध खनन पर जिलाधिकारियों के भी पेंच कसे. यादव ने मिर्चवाडा में बजाज समूह के सुपर क्रिटिकल तापीय […]

ललितपुर: उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने आज एक बार फिर पार्टी नेताओं को पैसा कमाना छोडकर जनता की सेवा में जुटने की ताकीद करते हुए सूबे में जगह-जगह हो रहे अवैध खनन पर जिलाधिकारियों के भी पेंच कसे.

यादव ने मिर्चवाडा में बजाज समूह के सुपर क्रिटिकल तापीय विद्युत संयंत्र की पहली इकाई की शुरआत करने के बाद कहा ‘‘राजनीति करने वाले लोग जनता की सेवा करने के बजाय धंधा कर रहे हैं. धंधा बहुत हो गया…..हमारे परिवार के किसी भी व्यक्ति को कहीं ठेकेदारी करते देखा है. किसी को देखा हो तो बताओ….हम गरीबों की पार्टी हैं, सिद्धांतों की पार्टी है, पैसा कमाने वालों की पार्टी नहीं है.” उन्होंेने कहा ‘‘कुछ ऐसे मामले हैं और वह मामले गम्भीर हैं, आज हम बता दें.
हम सावधान करना चाहते हैं. अवैध खनन का मामला बहुत तेजी से चल रहा है. मैंने पता लगाया है. कहीं पर अवैध खनन हुआ तो कलेक्टर साहब आप भी उसमें आ जाएंगे। कोई भी नेता हो, अवैध खनन होने पर उसे जेल भेजें।” पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा ‘‘….हम हिन्दुस्तान के अंदर आदर्श पैदा करना चाहते हैं कि समाजवादी पार्टी भ्रष्टाचार और लेन-देन का काम करने वाली पार्टी नहीं है.” उन्होंने कहा ‘‘किसानों के सवाल को लेकर जमीन अधिग्रहण के खिलाफ सपा कांग्रेस सरकार के विरद्ध अकेले हम खडे हुए. हमारे सांसद ने सदन में विधेयक की कापी को छीनकर फेंक दी थी.” मालूम हो कि अवैध खनन के सबसे ज्यादा मामले बंुदेलखण्ड में होते हैं.
यादव ने प्रदेश की सपा सरकार की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा, ‘‘प्रदेश की सपा सरकार ने किसानों का कर्ज माफ कर दिया। उसके प्रयासों की वजह से अब कर्ज वसूली के लिये किसानों की जमीन को नीलाम नहीं किया जा सकता. गरीब लडकियों को कितना पैसा दिया. गिनाने चलें तो बहुत लम्बी फेहरिस्त है.” उन्होंने कहा ‘‘मैं चैलेंज करता हूं कि जितने विकास कार्य उत्तर प्रदेश की इस सरकार ने किये हैं उतने किसी और सरकार ने किये हों तो बताये। हमारी सरकार ने अपने चुनाव घोषणापत्र को पूरी तरह लागू किया है. एक सूची के मुताबिक विकास के मामले में उत्तर प्रदेश अभी तीसरे नम्बर पर है. अगर काम जारी रहा तो वह नम्बर एक पर होगा.” सपा मुखिया ने ललितपुर के संयंत्र के बारे में कहा कि अभी 660 मेगावाट की इकाई शुरु हुई है. अभी शुरआत है और आने वाले वक्त में दो हजार मेगावाट मिलेगी. हो सकता है कि आने वाले वक्त में हम दूसरे राज्यों को भी बिजली दें.
उन्होंने कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी ने यह बेहद महत्वपूर्ण काम किया है. हमने भी किया था अखिलेश ने भी किया है. उनको आना चाहिये था लेकिन वह बोले आप जाइये हम नहीं जाएंगे. वह तो इसे लगाने में आनाकानी कर रहे थे कि हमारे पास पैसा नहीं है, कर्जा है. हमने बजाज ग्रुप से बात की और वह राजी हो गये।” सपा मुखिया ने कहा कि चारा काटने से लेकर रोटी खाने तक के लिये बिजली चाहिये. बिजली का इतना महत्व है कि उसके बिना विकास नहीं हो सकता.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस और बसपा की सरकारों ने प्रदेश का कितना नाश किया है, इस पर कोई कुछ नहीं बोलता है. इन पार्टियों की सरकारों ने बिजली सुधार के लिये एक भी काम नहीं किया.”
यादव ने कहा कि जहां तक बिजली का सवाल है तो सपा की सरकारों ने कई बिजली संयंत्र लगवाये हैं और अनेक पुरानी मशीनें ठीक करायीं. बिजली के बिना विकास नहीं हो सकता है और मौजूदा सरकार ने इस पर ध्यान दिया है.
इसके पूर्व, सपा प्रमुख ने शिशिर बजाज की अगुवाई वाले बजाज ग्रुप की कम्पनी ललितपुर पावर जेनरेशन कम्पनी लिमिटेड (एलपीजीसीएल) की 1980 मेगावाट सुपर क्रिटिकल तापीय विद्युत परियोजना की 660 मेगावाट की पहली इकाई की शुरआत की.
इस मौके पर लोकनिर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव तथा ग्राम्य विकास राज्यमंत्री अरविन्द सिंह गोप भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी कार्यक्रम में शामिल होना था लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उनका हेलीकाप्टर उतर नहीं सका, लिहाजा वह लखनउ लौट गये.
एलपीजीसीएल ने बुंदेलखण्ड के ललितपुर में 660 मेगावाट की तीन इकाइयों वाले कुल 1980 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाले बिजली संयंत्र की स्थापना के लिये वर्ष 2010 में प्रदेश सरकार से समझौता किया था.
कम्पनी द्वारा जारी बयान के मुताबिक इनमें से पहली 660 मेगावाट की इकाई का आज उद्घाटन हुआ है. बाकी दो इकाइयां भी जल्द ही शुरु होंगी. इस संयंत्र में बनने वाली पूरी बिजली उत्तर प्रदेश को दी जाएगी. यह परियोजना ऐसे समय आगे बढायी जा रही है जब राज्य सरकार ने वर्ष 2016-17 तक बिजली की उपलब्धता को मौजूदा 10 हजार मेगावाट से बढाकर 20 हजार मेगावाट करने का लक्ष्य तय किया है.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का इरादा वर्ष 2016 के अंत तक शहरों को 24 घंटे तथा गांवों को 16 घंटे बिजली देने का है.
एलपीजीसीएल का कहना है कि वह इस लक्ष्य की प्राप्ति तथा बाहर से बिजली खरीदने की मजबूरी को खत्म करने के मकसद को पूरा करने में हर मुमकिन मदद करेगी.

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