लखनऊ : जिला प्रशासन लखनऊ के स्कूलों में सुरक्षा मानकों की जांच के लिए कल से एक विशेष अभियान चलाने जा रहा है जिसके तहत देखा जायेगा कि स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगायेगये हैं या नहीं. लखनऊ के जिलाधिकारी (डीएम) कौशल राज शर्मा ने आज बताया कि सोमवार 22 जनवरी से राजधानी लखनऊ के सभी हाईस्कूल तथा इंटर काॅलेज तक के स्कूलों में सुरक्षा मानकों की जांच के लिये विशेष अभियान चलाया जायेगा. इस दौरान देखा जायेगा कि संस्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं या नहीं.
डीएम ने कहा, जो भी स्कूल हाईस्कूल और इंटर के परीक्षा केंद्र है वहां सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी है और इसके आदेश पहले ही दिये जा चुके हैं. निजी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों से भी सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा जायेगा. गौरतलब है कि गुरूग्राम के एक स्कूल में एक बच्चे की हत्या और लखनऊ के एक स्कूल में बच्चे की हत्या के प्रयास की घटना के चलते भी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने की मांग जोरों पर है.
कुछ दिनों पहले प्रदेश की बेसिक शिक्षामंत्री अनुपमा जायसवाल ने सभी सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के बारे में बताया था कि विभाग के पास सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कोई बजट नहीं है, जब बजट आयेगा तो देखा जायेगा. जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) मुकेश सिंह ने आज बताया कि राजधानी लखनऊ में 1027 ऐसे सरकारी और प्राइवेट स्कूल हैं जहां इंटर और हाईस्कूल की परीक्षा के केंद्र हैं. उन्होंने बताया कि इन सभी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे या तो लग गये हैं या लगवाये जा रहे हैं.
शहर में मौजूद प्राइमरी या जूनियर स्कूलों की संख्या के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इसका कोई आंकड़ा उनके पास उपलब्ध नहीं है. उन्होंने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार, करीब तीन दर्जन से अधिक बड़े निजी स्कूलों की राजधानी स्थित सभी शाखाएं पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हैं. लखनऊ के त्रिवेणी नगर स्थित जिस स्कूल में 16 जनवरी को एक छात्रा ने जिस छात्र को कथित तौर पर चाकू से मारा, उस स्कूल में भी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं.
वहीं राजधानी में सीसीटीवी कैमरों के वितरक रोहित वैश्य ने बताया कि गुरूग्राम के स्कूल में हुई घटना के बाद से स्कूलों में सीसीटीवी कैमरों की मांग बढ़ गयी है और अब लखनऊ के स्कूल में हुई हालिया घटना के बाद निजी स्कूल भी सीसीटीवी कैमरों को लेकर मुस्तैद हो गये हैं.