लखनऊ : समाजवादी पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई एक बार फिर तेज होनेवाली है, क्योंकि पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव संभवत: लोकदल के साथ मिल कर एक नयी पार्टी की घोषणा कर सकते है. यहां शनिवार को समाजवादी पार्टी के राज्य स्तरीय सम्मेलन में मुलायम सिंह और उनके भाई शिवपाल यादव शामिल नहीं हुए थे, जबकि इस पार्टी को उन्होंने ही 25 साल पहले बनाया था. लोकदल के अध्यक्ष सुनील सिंह ने बताया मुलायम सोमवार को लोहिया ट्रस्ट में एक पत्रकार वार्ता आयोजित करेंगे जिसमें वह लोकदल के साथ एक नयी पार्टी की घोषणा करेंगे.
लोकदल अध्यक्ष सिंह ने कहा कि नयी पार्टी के साथ समाजवादी शब्द जुड़ा रहेगा. अभी हाल में मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव के समर्थक राम गोपाल यादव को लोहिया ट्रस्ट के सचिव पद से हटा दिया था और उनके स्थान पर शिवपाल यादव को नया सचिव बना दिया था. शिवपाल ने जून महीने में ही घोषणा कर दी थी कि वह सांप्रदायिक शक्तियों से लड़ने के लिए समाजवादी सेक्यूलर फ्रंट बनायेंगे. शिवपाल के एक करीबी ने बताया, अब जब समाजवादी पार्टी में समझौते की कोई गुंजाइश नहीं बची है तब ऐसे समय में शिवपाल को भविष्य के बारे में कोई फैसला लेना जरूरी हो गया है.
शिवपाल के एक अन्य समर्थक से पूछा गया कि क्या मुलायम और शिवपाल लोकदल के बैनर के नीचे काम करेंगे, तो उन्होंने कहा कि संभवत: मुलायम समाजवादी शब्द को अपने से अलग नहीं करेंगे. सोमवार को जब नेता जी (मुलायम) अपने अगले कदम के बारे में बतायेंगे तो सारी स्थिति साफ हो जायेगी. शनिवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के राज्य स्तरीय सम्मेलन के पोस्टरों से मुलायम और शिवपाल का गायब होना इस बात का साफ इशारा था कि अब पार्टी में उनके लिए कोई जगह नहीं बची है. पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और बेनी प्रसाद वर्मा इस सम्मेलन में शामिल हुए थे. इस सम्मेलन में अखिलेश ने अपने समर्थकों से फर्जी समाजवादियों से सावधान रहने की हिदायत दी थी.
चुनाव आयोग के रिकाॅर्ड के अनुसार लोकदल पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टी है, जिसे पूर्व समाजवादी नेता चरण सिंह ने बनाया था और मुलायम इसके संस्थापक सदस्य थे. लोकदल के पास अपना पुराना चुनाव निशान खेत जोतता किसान है और इसी चुनाव चिन्ह पर चरण सिंह उप्र के मुख्यमंत्री बने थे. मुलायम ने जब 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन का विरोध किया था, तो लोकदल के सुनील सिंह ने उन्हें पार्टी अध्यक्ष का पद प्रस्ताव दिया था. लोकदल अध्यक्ष सिंह ने दावा किया कि विधानसभा चुनाव के दौरान शिवपाल के कई समर्थकों ने लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ा था और प्रचार में मुलायम के फोटो का भी इस्तेमाल किया था.