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यूपी में नये साल से घर बैठे ले सकेंगे डॉक्टर से अपनी बीमारी का परामर्श

लखनऊ : नये साल में उत्तर प्रदेश के दूर दराज गांवों के गरीब लोग भी घर बैठे बस एक फोन घुमा कर अपने स्वास्थ्य के बारे में विशेषज्ञ डाक्टरों से परामर्श ले सकेंगे. यह सुविधा 24 घंटे उपलब्ध होगी. उत्तर प्रदेश सरकार का स्वास्थ्य विभाग इस योजना पर बहुत तेजी से काम कर रहा है […]

लखनऊ : नये साल में उत्तर प्रदेश के दूर दराज गांवों के गरीब लोग भी घर बैठे बस एक फोन घुमा कर अपने स्वास्थ्य के बारे में विशेषज्ञ डाक्टरों से परामर्श ले सकेंगे. यह सुविधा 24 घंटे उपलब्ध होगी. उत्तर प्रदेश सरकार का स्वास्थ्य विभाग इस योजना पर बहुत तेजी से काम कर रहा है और ऐसी उम्मीद है कि सूबे की जनता को घर बैठे स्वास्थ्य परामर्श का तोहफा नये साल की शुरुआत में ही मिल जाएगा.

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने एक विशेष बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सोच है कि हर गरीब को चिकित्सा सुविधा उसके घर पर या उसके घर के आसपास मिले. किसी मरीज को इलाज के लिये अस्पताल दर अस्पताल भटकना न पड़े. मुख्यमंत्री की इसी सोच को साकार करने के लिये प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग इस योजना पर काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि टेलीमेडिसिन नामक इस योजना के अन्तर्गत पूरे प्रदेश को पांच भागों में बांटा जा रहा है.

इसके तहत प्रदेश के पांच बडे शहरों में एक एक कंट्रोल रुम बनाया जाएगा, जहां विशेषज्ञ डाक्टरों की एक टीम चौबीसों घंटे तैनात रहेगी और पूरे प्रदेश के कंट्रोल रुम का एक ही टोल फ्री नंबर होगा. दूर गांव में बैठा कोई मरीज जब अपनी सर्दी जुकाम, पेट दर्द या अन्य किसी बीमारी के बारे में इस कंट्रोल रुम के टोल फ्री नंबर पर फोन करेगा तो डाक्टर उसे उचित परामर्श देंगे.
अगर मान लीजिये डाक्टर की सलाह पर ली गयी दवा से मरीज एक दो दिन में ठीक नही होता है तो मरीज फिर कंट्रोल रुम को फोन करेगा. तब डाक्टर उसे अपने खून की जांच कराने को कहेंगे. लेकिन यह खून की जांच कराने के लिए भी मरीज को अपने घर से कहीं दूर जाना नही पड़ेगा.
मरीज के करीब के स्वास्थ्य केंद्र का एक कर्मचारी मरीज के घर जाकर उसके खून का सैम्पल लेगा और कंट्रोल रुम में बैठे डाक्टर को उसकी रिपोर्ट भेज देगा. इस जांच का कोई पैसा मरीज को नहीं देना होगा. तब कंट्रोल रुम में बैठा डाक्टर उस मरीज को एक नंबर एलाट कर देगा और वह नंबर मरीज को संदेश द्वारा बता दिया जायेगा.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अगर किसी मरीज के खून की जांच में किसी गंभीर बीमारी के लक्षण मिलेंगे तो उस मरीज को स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस में लाकर उसके करीब के सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करा दिया जाएगा. अगर कोई गंभीर बीमारी नहीं हुई तो विशेषज्ञ डाक्टर उसे करीबी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर नि:शुल्क दवा लेने को कहेंगे. उस मरीज का सारा डाटा उस नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में आन लाइन उपलब्ध करा दिया जायेगा.
जैसे ही मरीज वहां पहुंचेगा अस्पताल के डाक्टर उसकी बीमारी के अनुसार उसका चिकित्सा उपचार करेंगे. उन्होंने बताया कि ज्यादा गंभीर रोगों के इलाज के लिये टेलीमेडिसिन के जरिये प्रदेश के बडे अस्पताल जैसे संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (पीजीआई), केजीएमयू के विशेषज्ञ डाक्टरों का परामर्श भी मरीज को उसके गांव या कस्बे के जिले के अस्पताल में ही मिल जाएगा. सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि यह योजना पीपीपी माध्यम से चलायी जाएगी.
इस सुविधा के पांच कंट्रोल रुम प्रदेश के पांच ऐसे प्रमुख शहरों में खोले जायेंगे जिससे पूरे प्रदेश की जनता इस सुविधा का लाभ अपने ही क्षेत्र के टेलीमेडिसिन कंट्रोल रुम से प्राप्त कर सकें. इस बारे में स्वास्थ्य विभाग बहुत तेजी से काम कर रहा है और हमें पूरी उम्मीद है कि अगले वर्ष की शुरुआत में प्रदेश में यह महात्वाकांक्षी योजना शुरू हो जाएगी. उन्होंने कहा कि यह सुविधा शुरू होने से अस्पतालों में रोजाना आने वाले रोगियो की संख्या में भी कमी आएगी और मरीज को घर बैठे चिकित्सा सुविधा भी मिल सकेगी.

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