लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा में विस्फोटक पीआइटीएन मिलने के बाद हड़कंप मच गया है. जानकारों की मानें तो ये आतंकियों का इंडिकेशन हो सकता है. आशंका जाहिर की जा रही है कि आतंकवादी कहीं संसद पर हमले की तरह यूपी विधानसभा भवन पर भी हमला करने के फिराक में तो नहीं… ऐसा हो सकता है कि वे किसी हमले का प्लान बना रहे हों और इस घटना को उन्होंने रिहर्सल के तौर पर अंजाम दिया हो….
हालांकि इस घटना के बाद विधानसभा व सचिवालय की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी. राज्य सरकार की सिफारिश पर मामले की जांच एनआइए और यूपी एटीएस ने शुरू कर दी है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना पर चिंता जताते हुए आतंकी साजिश से इनकार नहीं किया. उन्होंने कहा कि 500 ग्राम का यह विस्फोटक पूरे विधानसभा भवन को उड़ा सकता है. इस घटना के बाद दिल्ली में संसद भवन की भी सुरक्षा जांच की गयी.
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दरअसल, मामला दो दिन पुराना है. 12 जुलाई को सपा विधायक व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी की सीट के नीचे एक सफेद पाउडर मिला था. फॉरेंसिंक जांच के लिए इसे लैब भेज गया था, जहां पता चला कि यह पाउडर विस्फोटक पीइटीएन यानी पेंटाएरीथ्रीटोल ट्राइनाइट्रेट है, जो डेटोनेटर के साथ ही काम करता है.
इस सिलसिले में शुक्रवार को सीएम योगी ने इमरजेंसी मीटिंग की, जिसमें प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी समेत राज्य के आला अफसर मौजूद थे. इसके बाद सदन में योगी ने कहा कि यह बड़ी आतंकी साजिश है. इसकी एनआइए से जांच करायी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि 500 ग्राम यह विस्फोटक पूरे विधानसभा भवन को उड़ा सकता है. विधानसभा की सुरक्षा कड़ी करनी होगी. इस मामले में एफआइआर लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज करवायी गयी है.
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सभी पास निरस्त : इस घटना के बाद विधानसभा में मंत्रियों, विधायकों,अफसरों और कर्मचारियों के पास रद्द कर दिये गये हैं. अब पुलिस वेरिफिकेशन के बाद पास जारी किया जायेगा.
विधानसभा उड़ाने की धमकी देनेवाला गिरफ्तार : यूपी पुलिस ने उस शख्स को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने 15 अगस्त को विधानसभा को उड़ाने की धमकी दी थी. फरहान अहमद नाम का यह शख्स देवरिया में पकड़ा गया. फरहान ने एडीजी जोन लखनऊ को फोन पर धमकी दी थी. फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है, कहीं उसका इस मामले में कोई कनेक्शन तो नहीं है.
विधायक भी शक के घेरे में : पुलिस के अनुसार विधानसभा के अंदर विस्फोटक ले जाने में 403 विधायक, 85 मार्शल-सुरक्षाकर्मी और 20 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों में से ही कोई शामिल है. प्रदेश के डीजीपी सुलखान सिंह की मानें तो, विधानभवन के मंडप तक जाने की इजाजत सिर्फ इन्हीं लोगों को है. इनके अलावा वहां तक कोई और नहीं पहुंच सकता है. ये सभी जांच के दायरे में हैं. जिन-जिन से जरूरत पड़ी, उनसे पूछताछ की जाएगी.