Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में मंगलवार को इत्तेहाद मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर पत्रकारों से बातचीत की. बोले, ज्ञानवापी मस्जिद के फब्बारे को शिवलिंग बताकर दुनिया भर में हिंदुत्व का मजाक उड़वा रहे हैं. इससे आस्था को भी नुकसान हो रहा है.
उन्होंने कहा कि हिन्दू भाइयों को आगे आकर मुसलमानों के साथ न्याय करवाना चाहिए. भाजपा और संघ एक बार और देश का बंटवारा कराना चाहते हैं. मगर, मुसमलमान देश का बंटवारा नहीं चाहता. इसीलिए बर्दाश्त कर रहा है. मौलाना ने कहा कि, ज्ञानवापी मस्जिद जहां है वहीं रहेगी. अगर इसमें कोई जबरदस्ती की गई, तो इसका खामियाजा सरकार को भुगतना होगा. बोले, ज्ञानवापी मस्जिद की तरह बुजुखाने में फव्वारा नई और पुरानी अधिकांश मस्जिदों में है. बरेली की नौमहला, मिर्जाई, जामा मस्जिद, पीलीभीत और बदायूं की जामा मस्जिद समेत तमाम मस्जिदों में भी देखे जा सकते हैं.
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मौलाना ने कहा कि बाबरी मस्जिद के हक में फैसला नहीं किया गया. मगर, मुसलमानों ने देश की शांति के लिए कुर्बानी दे दी, लेकिन हिंदूवादी और संघ मुसलमानों की कुर्बानी को कमजोरी समझ रहे हैं. यह नासमझी है. बाबरी मस्जिद में मूर्ति रखने के साथ ही ताले खोले गए थे.यह सभी जानते हैं. मगर, देश की शांति के लिए मुसलमान खामोश रहे थे.
आईएमसी प्रमुख ने प्रदेश की सरकार से न्याय की गुहार लगाई. बोले अयोध्या में नकली दाढ़ी और टोपी लगाकर माहौल खराब करने के लिए मस्जिद में हरकत की गई थी. इसको सरकार में बेनकाब किया. इसी तरह से इस हरकत को भी बेनकाब करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अयोध्या में मंदिर बनने से क्या किसी को रोजगार मिला. कोई खुशहाली आई तो फिर लगातार इस तरह की बातें करने से देश को बर्बाद करने की कोशिश में भाजपा और संघ लगा है. पीएम को एक बार फिर धृतराष्ट्र बताया. बोले, जैसे महाभारत में धृतराष्ट्र के सामने जुल्म होता रहा. उसी तरह से वर्तमान प्रधानमंत्री भी धृतराष्ट्र की भूमिका में है. वह कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं.
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आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि 1992 में कानून बन चुका है कि जहां मस्जिद है या दूसरे धार्मिक स्थल.वह उसी स्थिति में, वैसे ही रहेंगे. इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, तो फिर इस तरह की जबरदस्ती गलत है.
मौलाना ने कहा, आरएसएस ने देश का बंटवारा कराया है. हिंदुस्तान और पाकिस्तान का जो बंटवारा हुआ है.वह किसी मुसलमान ने नहीं कराया.आरएसएस की सोची समझी साजिश थी. हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए आरएसएस ने हिंदू पिता गुंजालाल ठक्कर के बेटे जिन्ना का सहारा लिया. उन्होंने अपने घर से विवाद होने के बाद इस्लाम धर्म अपना लिया था.इसके बाद मोहम्मद अली जिन्ना मुसलमान धर्म अपनाने के बाद भी इस्लामी परंपराओं का पालन नहीं किया.उन्होंने ही देश का बंटवारा कराया.
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मौलाना ने कहा आरएसएस ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का खतना कराया था. जिससे राष्ट्रपिता गांधी की हत्या के बाद गोडसे के पकड़ने पर उसको मुसलमान बताया जा सके. इससे मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश थी.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद